ब्रज भ्रमण: आज भी यहां आती हैं सभी महाशक्तियां
आमें सामें बैठि दोऊ, दोहत करत ठठोर। दूध धार मुख पर पड़त, दृग भये चंद्र चकोर।। “किशोर किशोरी के प्यार और दूध की फुहार मै […]
आमें सामें बैठि दोऊ, दोहत करत ठठोर। दूध धार मुख पर पड़त, दृग भये चंद्र चकोर।। “किशोर किशोरी के प्यार और दूध की फुहार मै […]