ब्रज भामण: रास के रस कू संजोए भये है रासोली
आज गोपाल रास रस खेलत। पुलिस कल्पतरू तीर री सजनी।। सरद विमल नभ चंद विराजत। रोचक त्रिविध समीर री सजनी।। “सड़क के नाम पर दूर-दूर […]
आज गोपाल रास रस खेलत। पुलिस कल्पतरू तीर री सजनी।। सरद विमल नभ चंद विराजत। रोचक त्रिविध समीर री सजनी।। “सड़क के नाम पर दूर-दूर […]
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