उपचुनाव पर निशाना: शिवराज का चंबल-ग्वालियर पर फोकस, जानिए कैसा होगा नया मंत्रिमंडल

शिवराज का नया मंत्रिमंडल
शिवराज का नया मंत्रिमंडल

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार अपने 100 दिन के कार्यकाल के बाद कैबिनेट विस्तार करने जा रही है. गुरुवार को राजभवन में करीब 25 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है. इस बार शिवराज कैबिनेट में ग्वालियर-चंबल संभाग का दबदबा होगा, क्योंकि उपचुनाव की 24 सीटों में से 16 सीटें इसी इलाके की हैं. ऐसे में शिवराज सिंह चौहान अपने पुराने दिग्गजों के बजाय नए चेहरे और खासकर सिंधिया समर्थकों को मंत्री बनाकर राजनीतिक समीकरण साधने का दांव चल सकते हैं.

बता दें कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की सत्ता से विदाई की इबारत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखी थी. सिंधिया के साथ छह मंत्रियों समेत 22 कांग्रेसी विधायकों ने इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा था. इसके बाद मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनी है. ऐसे में सिंधिया समर्थकों का शिवराज कैबिनेट में दबदबा होना लाजिमी है.

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सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर अप्रैल में ही शामिल हो गए हैं. गुरुवार को होने वाले विस्तार में सिंधिया खेमे से 7-8 और विधायकों को मंत्री बनाए जाने की संभावना है. इनमें प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, महेंद्र सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव, एदल सिंह कंसाना, बिसाहू लाल सिंह और हरदीप सिंह डंग के मंत्री बनने की उम्मीद है.

दरअसल, मध्य प्रदेश में बीजेपी का नया गढ़ ग्वालियर-चंबल संभाग बन गया है. बीजेपी के केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा जैसे दिग्गज नेता पहले से ही थे और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी एंट्री हो गई है. इसी इलाके की विधानसभा सीटों पर उपचुनाव है. ऐसे में शिवराज का खास फोकस इसी इलाके पर होगा, क्योंकि इस बार विधायकों का नंबर गेम बॉर्डर पर है. ऐसे में उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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शिवराज नए चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल करते हैं तो कई पुराने और दिग्गज नेताओं को मंत्री बनने से महरूम रहना पड़ सकता है, क्योंकि शिवराज कैबिनेट में ज्यादा से ज्यादा 35 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं. सीएम शिवराज सहित 6 मंत्री पहले से ही कैबिनेट में है. इस तरह से 29 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिनमें से करीब 25 नेताओं को गुरुवार को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी.

शिवराज सिंह चौहान इस बार अपनी कैबिनेट में पुराने और दिग्गज नेताओं की जगह नए चेहरे को मौका दे सकते हैं. नए चेहरों की फेहरिस्त में बीजेपी के गिरीश गौतम, रामखिलावन पटेल, चेतन्य कश्यप, मोहन यादव, विष्णु खत्री, रामकिशोर कांवरे, उषा ठाकुर, प्रेमसिंह पटेल, अरविंद भदौरिया, हरीशंकर खटीक, अशोक रोहाणी, दिनी मरावी और रामेश्वर शर्मा जैसे नेता मंत्री पद की दौड़ में हैं.

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वहीं, शिवराज सिंह की पिछली सरकार में मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव और विश्वास सारंग को एक बार फिर से जगह मिलनी तय मानी जा रही है. इनके अलावा अरविंद भदौरिया और चेतन कश्यप को भी मंत्री बनाने की पूरी संभावना है. हालांकि, पिछली बीजेपी सरकार में मंत्री रहे रामपाल सिंह, संजय पाठक, राजेंद्र शुक्ल, विजय शाह, गौरीशंकर बिसेन, पारस जैन, अजय विश्नोई, सुरेंद्र पटवा और विश्वास सारंग के मंत्री बनने को लेकर संशय बरकरार है.

इंदौर इलाके से मंत्री पद के लिए उषा ठाकुर का नाम सबसे आगे है. इंदौर से ही बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़ को लेकर चर्चा हुई है जबकि इसी इलाके से सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट को पहले ही कैबिनेट में जगह दी जा चुकी है. ऐसे में देखना है कि बीजेपी नेताओं में से किसे मौका मिलता है. वहीं, मालवा निमाड़ अंचल से मोहन यादव, चेतन कश्यप, यशपाल सिंह सिसोदिया, आदिवासी कोटे से विजय शाह या प्रेम सिंह पटेल भी मंत्री बनाए जा सकते हैं.

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भोपाल से रामेश्वर शर्मा, पूर्व मंत्री विश्वास सारंग और एससी कोटे से विष्णु खत्री, रायसेन से पूर्व मंत्री रामपाल सिंह के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं. वहीं, बुंदेलखंड से पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ एससी कोटे से हरीशंकर खटीक के नाम पर भी मंथन किया गया. जिनमें से किसी एक को मौका मिल सकता है, क्योंकि इसी इलाके से सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत को पहले ही कैबिनेट में जगह दी जा चुकी है.

ग्वालियर-चंबल से अरविंद भदौरिया, यशोधरा राजे सिंधिया के साथ ओबीसी और नरेंद्र सिंह तोमर के कट्टर समर्थक माने जाने वाले भारत सिंह कुशवाह मंत्री पद की दौड़ में हैं. ऐसे ही विंध्य इलाके से राजेंद्र शुक्ला या गिरीश गौतम में से किसी एक को मौका मिल सकता है. राजेंद्र शुक्ल पहले मंत्री रह चुके हैं और पार्टी के ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं. हालांकि, ओबीसी कोटे से रामलल्लू वैश्य और दलित समुदाय से कुंवर सिंह टेकाम भी मंत्री पद की रेस में हैं. महाकौशल से अशोक रोहाणी या अजय विश्नोई में से किसी एक को मौका शिवराज दे सकते हैं. पूर्व मंत्री संजय पाठक, गौरीशंकर बिसेन और एसटी कोटे से देवी सिंह सैयाम भी मंत्री पद के दावेदारों में हैं.

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