ऑकलैंड. जिस टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को उसी की धरती पर टी20 सीरीज में 5-0 की करारी मात दी थी, वही टीम वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में ही हार गई. हैमिल्टन वनडे में करारी हार झेलने के बाद टीम इंडिया को ऑकलैंड में भी 22 रनों की शिकस्त का सामना करना पड़ा. इस हार के साथ ही भारतीय टीम ने वनडे सीरीज भी 0-2 से गंवा दी. टीम इंडिया को जीत के लिए महज 274 रनों की चुनौती मिली थी, जिसके जवाब में भारतीय टीम 251 रनों पर ढेर हो गई. इस मैच में टीम इंडिया ने कई बड़ी गलतियां की, जिसकी वजह से विराट एंड कंपनी को मैच के साथ-साथ सीरीज से भी हाथ धोना पड़ा.
खराब गेंदबाजी- ऑकलैंड वनडे में भारतीय टीम की हार की सबसे बड़ी वजह एक बार फिर गेंदबाजी रही. हैमिल्टन में 347 रन नहीं बचा पाने वाली टीम इंडिया एक वक्त पर ऑकलैंड में न्यूजीलैंड पर हावी थी. भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड के 8 विकेट महज 197 रनों पर गंवा दिये थे लेकिन इसके बाद रॉस टेलर (Ross Taylor) और अपना डेब्यू कर रहे कायल जेमिसन ने भारतीय गेंदबाजों की धुनाई कर डाली. दोनों खिलाड़ियों ने मिलकर 9वें विकेट के लिए 76 रनों की नाबाद साझेदारी कर डाली. नतीजा न्यूजीलैंड की टीम 273 रनों तक पहुंच गई और यही स्कोर टीम इंडिया पर भारी पड़ गया.
बुमराह का विकेट ना लेना- हैमिल्टन के बाद ऑकलैंड में भी जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) विकेट लेने में नाकाम रहे. कहीं ना कहीं ये भी टीम इंडिया की हार की वजह है. जसप्रीत बुमराह भारत के स्ट्राइक गेंदबाज हैं, उनसे टीम को विकेट की दरकार होती है लेकिन वो वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में ऐसा करने में नाकाम रहे. बुमराह ने ऑकलैंड वनडे में 10 ओवरों में 64 रन लुटा दिए. वो डेथ ओवर्स में भी विकेट लेने में नाकाम रहे.
बल्लेबाजों ने गंदे शॉट खेल गंवाए विकेट- दूसरे वनडे मैच में भारत के बल्लेबाजों ने सेट होने के बाद अपने विकेट गंवाए. पृथ्वी शॉ, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) जैसे बल्लेबाजों ने खराब शॉट खेल अपना विकेट न्यूजीलैंड को गिफ्ट में दिया. शॉ ने 6 चौकों की मदद से 24 रन बनाए लेकिन वो जेमिसन की गेंद पर बोल्ड हो गए. इसके बाद विराट कोहली भी साउदी की गेंद पर बोल्ड हुए. लोकेश राहुल भी ग्रैंडहोम की गेंद पर बोल्ड हुए. श्रेयस अय्यर ने 52 रन जरूर बनाए लेकिन उन्होंने काफी खराब शॉट खेल अपना विकेट गंवाया, जबकि भारतीय टीम ने उस वक्त 5 विकेट गंवाए हुए थे.
सीनियर बल्लेबाज फ्लॉप- भारतीय टीम इस वनडे सीरीज में रोहित शर्मा और शिखर धवन की गैरमौजूदगी में खेल रही थी, ऐसे में विराट, राहुल और जाधव जैसे सीनियर खिलाड़ियों पर पूरा दारोमदार था लेकिन ये तीनों ही खिलाड़ी हैमिल्टन वनडे में नाकाम रहे. विराट-15, जाधव- 9 और केएल राहुल सिर्फ 4 रन बना सके.
खराब टीम सेलेक्शन- विराट कोहली लगातार टीम सेलेक्शन में गलतियां कर रहे हैं और दूसरे वनडे में भी उन्होंने यही किया. इतने अहम मैच से उन्होंने मोहम्मद शमी को ही प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया. उनकी जगह कप्तान साहब ने नवदीप सैनी को मौका दिया, जो कि सही फैसला था लेकिन इस टीम में शार्दुल ठाकुर बरकरार थे. शार्दुल ठाकुर ने 2 विकेट जरूर लिये लेकिन इसके लिए उन्होंने 60 रन खर्च किये. ठाकुर थोड़ी-बहुत बल्लेबाजी कर सकते हैं, इसकी वजह से विराट कोहली उन्हें लगातार प्लेइंग इलेवन में मौका दे रहे हैं.
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