नई दिल्ली। पाकिस्तान में 25 साल के मंजूर पश्तीन नाम के इस युवक ने सरकार की नाक में दम कर रखा है। सरकार इस युवक और उससे जुड़े विरोध प्रदर्शनों से परेशान है। मंजूर पश्तीन पश्तून ताहफुज मूवमेंट (पश्तून रक्षा आंदोलन) का नेतृत्व कर रहा है।
दरअसल, इन दिनों सीमाई प्रांत पख्तूनख्वा में रहने वाले पश्तूनों का पाक सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इनकी मांग है कि विगत 10 साल में चरमपंथ के खिलाफ कार्रवाई में जो लोग गायब हुए हैं, उन्हें सामने लाकर कोर्ट में पेश किया जाए। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि ये आंदोलन सरकार के तमाम विरोधों के बावजूद लगातार बढ़ रहा है और हजारों लोग इनमें शामिल हो रहे हैं, जिसका नेतृत्व मंजूर पश्तीन कर रहा है।इस आंदोलन में अफगानिस्तान की सीमा पर लगे कबायली इलाकों में काले कानून को भी खत्म करने की मांग की जा रही है। साथ ही जिन लोगों के घर सैनिक कार्रवाई में तबाह हुए, उनके लिए मुआवजा भी देने की मांग हो रही है। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने आंदोलन पर मीडिया को रिपोर्टिंग नहीं करने की हिदायत दी है।
पाकिस्तान में बीते कुछ महीनों में पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) नाम का संगठन तेजी से उभरा है। ये पश्तून समुदाय में काफी लोकप्रिय हो रहा है। पिछले तीन महीनों में पाकिस्तान में आमतौर पर इसी संगठन की अगुवाई में आंदोलन जारी है। वहीं, पाकिस्तान की दूसरी पार्टियां इस संगठन से दूरी बरत रही हैं, वहीं सेना के डर से पाकिस्तान मीडिया ने भी इसे ब्लैक आउट किया हुआ है।
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