नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर लोग खासी मुश्किलों सामना कर रहें है। आज 17वें दिन भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर कोई राहत की खबर नहीं आ है। वहीं अगर सरकार चाहे तो लोगों को थोड़ी सी राहत दे सकती है।
राज्य सरकारें कच्चे तेल के दाम में उछाल के चलते होने वाले अपने संभावित अतिरिक्त राजस्व-लाभ को छोड़ने को तैयार हो तो पेट्रोल 2.65 रुपए और डीजल 2 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो सकता है। एसबीआई की एक खास रिपोर्ट के मुताबिक 19 राज्यों को मिला कर किए गए उसके विश्लेषण में यह दिखता है कि यदि कच्चे तेल के अंतराष्ट्रीय भाव मौजूदा स्तर पर बने रहे तो इन राज्यों को 2018-19 में कम 18,728 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकता है। कुल तेल खपत में इन राज्यों का हिस्सा 93 प्रतिशत है।
तेल की कीमतों में एक डॉलर प्रति बैरल की वृद्धि होने पर इन राज्यों को अपने बजट अनुमान से 2,675 करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होता है। यदि ये इसे छोड़ दे तों उनकी उनकी राजकोषीय स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बहराल, अगर सरकार इस प्रकार के कदम को उठाती है तो लोगों को हो रही परेशानी से काफी हद तक उबारा जा सकता है।
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