मृत समझकर फ्रीजर में रखी गई 65 वर्षीय वृद्धा करीब पांच घंटे तक जिंदा रही, फिर घर गई और उसके बाद जो हुआ, उसे जानकर कोई भी यकीं नहीं कर पाएगा। मामला पंजाब के कपूरथला का है। वृद्धा की जालंधर के एक निजी अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। परिजन वृद्धा के शव को काला संघिया के बाबा नंद चंद मृतक देह संभाल घर के फ्रीजर में रख गए।
शाम को जब वृद्धा के गले में पहनी सोने की चेन देखने परिजन आए तो उसकी सांसें चल रही थी। यह देखकर परिवार वालों में हड़कंप मच गया। आनन फानन में डॉक्टर को बुलाया गया। उसने वृद्धा को हाथ से पानी का घूंट पिलाया तो उसने पी लिया। वृद्धा की आंखों पर बंधी पट्टी हटाकर आंखों पर पानी मारा गया, तो उसने आंखें खोल ली।
घर गई और अगले दिन सवेरे दम तोड़ दिया
सेवादार गुरदीप के अनुसार,उसने संभाल घर की कमेटी और पंचायत की मौजूदगी में लिखित तौर पर जीवित होने के बारे में परिजन से लिखवाकर उन्हें वृद्धा सौंप दी। परिजन उसे घर ले गए। बाबा नंद चंद मृतक देह संभाल घर के सेवादार गुरदीप सिंह ने बताया कि बुधवार सुबह उन्हें खबर मिली कि घर जाने के बाद परिजन रात में वृद्धा को सिविल अस्पताल कपूरथला ले गए, जहां बुधवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।
काला संघिया पुलिस चौकी के इंचार्ज एएसआई ठाकर सिंह ने बताया कि इस मामले में अभी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। डीएसपी सब डिवीजन हरिंदर सिंह गिल ने इस तरह की किसी भी मामले की सूचना न होने की बात कही है। वहीं प्रदेश भर में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
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