ठाकुर बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का मामला हाईकोर्ट के निर्णय पर निर्भर

यूनिक समय, मथुरा। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद और जिला प्रशासन के अधिकारी वृंदावन स्थित ठाकुर बांके बिहारी मंदिर को लेकर फुल प्रूफ तैयारी के साथ इलाहबाद हाईकोर्ट में 18 सितम्बर को अपना पक्ष रखेगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के निर्देश के बाद ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्रा, सीईओ एवं एमवीडीए के उपाध्यक्ष नगेन्द प्रताप, जिलाधिकारी एवं एसएसपी लगातार बैठक कर रहे हैं। यह तो हाईकोर्ट ही तय करेगा कि कॉरिडोर का स्वरूप कैस हो।

गौरतलब है कि ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में साल 2022 के दौरान जन्माष्टमी पर मंगला आरती के दौरान दम घुटने से दो लोगों की मौत के बाद गठित कमेटी ने कॉरिडोर का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद से ही वृंदावन के सेवायत, व्यापारी, संत समाज और आम लोग दो पक्षों में बंट गए थे। एक पक्ष इसका लगातार विरोध कर रहा है, जबकि दूसरा पक्ष समर्थन कर रहा है।

फिलहाल मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में हैं, जिस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व जिला प्रशासन से 18 सितम्बर को अपना पक्ष रखने को कहा है। लेकिन गत दिनों उप्र बृज तीर्थ विकास परिषद और जिला प्रशासन द्वारा बांके बिहारी कॉरिडोर प्रोजेक्ट का विस्तृत विवरण तैयार करके मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के समक्ष प्रस्तुत किया था। फिर मुख्यमंत्री ने जिले के अधिकारियों से कॉरिडोर के समर्थन में पूरी ताकत के साथ पक्ष रखने के निर्देश दिए थे।

एमवीडीए व उत्तर ब्रज तीर्थ विकास परिषद के अधिकारी इस कॉरिडोर के प्रोजेक्ट में हर वर्ग का ख्याल रख रहे हैं। ताकि जहां अपने आराध्य देव के दर्शन में श्रद्धालुओं को भी कोई परेशानी नहीं हो और ना ही स्थानीय निवासियों व दुकानदारों के हित बाधित नहीं हो। हाईकोर्ट से कॉरिडोर के प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो एक साथ 10 हजार श्रद्धालु बांके बिहारी के दर्शन कर सकेंगे। कॉरिडोर 5.64 एकड़ क्षेत्र में बनेगा।

इसको बनाने में पांच सौ करोड़ का खर्चा आएगा। जिले के अधिकारी हाईकोर्ट के सीनियर अधिवक्ता के माध्यम से 1938 के कोर्ट के निर्णय को आधार बनाकर कॉरिडोर के लिए पक्ष रखेंगे। 18 सितम्बर को अनंत शर्मा की याचिका पर सुनवाई होनी है।

वहीं दूसरी ओर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत, कॉरिडोर से प्रभावित मकानस्वामी, दुकानदार इसका विरोध कर रहे हैं। वे भी पूरी तैयारी के साथ हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे। अब देखना है है कि 18 सितम्बर को हाईकोर्ट क्या फैसला देता है या नहीं।

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