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विशेष संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। कोरोना संक्रमण ने परिवारों को भी अपनों से दूर कर दिया है। हालात यह है कि लोग अपने परिवार के मृत सदस्य के पार्थिव शरीर को हाथ लगाने से कतरा रहे हैं। ऐसा ही एक वाक्या कोतवाली क्षेत्र के मानिक चौक का सामने आया है। गिरधारी लाल चतुर्वेदी (77) की लंबी बीमारी के बाद कोरोना के संक्रमण से मौत हो गई। उनके एक पुत्र की कई साल पहले मौत हो चुकी है।
अब परिवार में उनकी पांच पुत्रियां हैं। बताया गया कि गिरधारी लाल चतुर्वेदी की मौत होने के बाद कोरोना संक्रमण के डर से उनके परिवार समेत अन्य लोग पार्थिव शरीर को अंतिम समय में कंधा देने के लिए भी नहीं पहुंचे। इस बीच उनकी सबसे छोटी पुत्री श्रीमती मृगया चतुर्वेदी पत्नी पंकज चतुर्वेदी निवासी काकोरन घाटी विश्राम बाजार ने पुत्री धर्म निभाते हुए अपनी जान की परवाह न करते हुए ध्रुव घाट स्थित श्मशान गृह पर अपने पिता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया। इससे पहले वह परिवार के अन्य सदस्यों का श्मशान घाट पर इंतजार करते रहे।
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