पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी का कहर, दिल्ली में रेड अलर्ट

नई दिल्ली। Weather Update: दिल्ली-NCR समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी और लू का कहर जारी है। इस वक्त देश के आधे से ज्यादा राज्य प्रचंड गर्मी और लू से परेशान हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, गर्मी और लू से लोगों को फिलहाल 4 जून तक राहत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। फिलहाल लगभग आधे भारत में लू और गर्मी का कहर जारी है। आनेवाले दिनों में भी विदर्भ, पश्चिमी राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में लू और गर्म हवाओं को लेकर चेतावनी जारी की गई है।

वहीं, भारतीय मौसम विभाग (Indian Meteorological Department) ने कहा है कि देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर के साथ उत्तर भारत के अन्य राज्यों में शामिल उत्तर प्रदेश, पंजाब, चंड़ीगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान समेत कई इलाकों में भीषण गर्मी के साथ तेज गर्म हवाओं (लू) से अगले कुछ दिन राहत मिलने के आसार नहीं हैं।

IMD के वैज्ञानिकों के मुताबिक, मानसून के 6 जून के आसपास केरल में दस्तक देने की उम्मीद है। वर्तमान में मानसून अरब सागर के दक्षिणी हिस्से  और दक्षिण-पश्चिमी और दक्षिण पूर्व  और बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्व, अंडमान निकोबार द्वीप को कवर कर चुका है और अगले 2-3 दिनों में यह अन्य क्षेत्रों को भी कवर कर लेगा।

गर्म हवाओं का दौर अभी जारी रहेगा  

मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो पूरे उत्तर भारत में तापमान कम होने के अभी आसार नहीं हैं। गर्म शुष्क हवाओं का दौर अभी जारी रहनेवाला है। दरअसल, पाकिस्तान से सटे पश्चिमी राजस्थान और सिंध इलाके से गर्म हवाएं आ रही हैं। इनका असर पूरे उत्तर भारत पर है और दिल्ली-एनसीआर में भी गर्म हवाओं का प्रकोप जारी है। मई आखिरी से लेकर जून तक का सप्ताह देश के इस हिस्से में हमेशा ही सबसे गर्म रहता है, क्योंकि सिर के ऊपर सीधे सूरज का असर रहता है।

दिल्ली के लिए दो दिन मुश्किल भरे

झुलसा देने वाली गर्मी के बीच शुक्रवार को मौसम विभाग ने दो दिनों के लिए दिल्ली में रेड अलर्ट जारी कर दिया। मौसम विभाग की मानें तो इसके बाद भी छह जून तक गर्मी से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। सूरज आग बरसाएगा और तेज लू के थपेड़े भी लोगों को सहने होंगे। शुक्रवार को भी भीषण गर्मी का दौर जारी रहा। उमस भरी गर्मी से दिन भर लोग परेशान रहे। तेज धूप के साथ लू ने दिल्लीवासियों का घर या दफ्तर से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया। इस बीच पालम क्षेत्र में अधिकतम तापमान 46.2, जबकि न्यूनतम तापमान 28.7 डिग्री सेल्सियस रहा। हालांकि, मौसम विभाग ने अधिकतम औसत तापमान सामान्य से 4 डिग्री अधिक 44.8 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 28.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। नमी का स्तर अधिकतम 59 और न्यूनतम 20 फीसद रिकार्ड किया गया।

दिल्ली में तपिश की स्थिति देखते हुए मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इसके तहत अधिकतम तापमान 45 डिग्री पार जा सकता है और तेज लू भी चलेगी। मौसम विज्ञानियों के अनुसार दिल्ली के अधिकतर इलाकों में लगातार दो दिन अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस रहने पर लू की स्थिति की घोषणा की जाती है, जबकि लगातार दो दिन तापमान 47 डिग्री पहुंचने पर भीषण लू की स्थिति की घोषणा की जाती है। प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र, दिल्ली के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली जैसे छोटे राज्यों में एक दिन भी 45 डिग्री सेल्सियस तापमान रहने पर लू की स्थिति की घोषणा कर दी जाती है।

मौसम विभाग के हैं चार कलर कोड

मौसमी परिस्थितयों के अनुरूप पूर्वानुमान और चेतावनी जारी करने के लिए मौसम विभाग ने चार कलर कोड जारी किए हैं। हरा रंग सामान्य मौसम का परिचायक है। पीला रंग मौसम से सावधान रहने और उस पर निगाह रखने की सलाह देता है। संतरी रंग का अलर्ट तब जारी किया जाता है, जब अधिकतम तापमान लगातार दो दिन तक सामान्य से पांच डिग्री तक अधिक बना रहे। उस स्थिति में लू चलने की घोषणा की जाती है। लाल रंग का अलर्ट जारी होने का मतलब यह है कि अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री से भी अधिक रह सकता है।

बारिश कर रही दिल्ली वालों को निराश

रिकार्डतोड़ गर्मी के बीच बारिश भी दिल्ली-एनसीआर के लोगों को निराश कर रही है। प्री मानसून और मानसून तो अभी कुछ दूर है, गर्मियों के तीन माह में भी औसत से 39 फीसद कम बारिश दिल्ली में हुई है। मानसून के सामान्य रहने का दावा कर रहे मौसम वैज्ञानिक भी इसे लेकर कोई सटीक वजह नहीं बता पा रहे हैं।

स्काईमेट वेदर ने आशंका जताई है कि अलनीनो के बढ़ते प्रभाव के चलते इस बार मानसून में सामान्य से कम बारिश होगी, जो कि करीब 92 फीसद तक रहने का अनुमान है। वहीं मौसम विभाग का दावा है कि अलनीनो का प्रभाव हल्का पड़ रहा है और इस साल मानसून की बारिश 96 फीसद से अधिक यानी सामान्य रहेगी। मालूम हो कि पांच फीसद तक की कमी या अधिकता को सामान्य ही माना जाता है। लेकिन, गर्मियों की बारिश में कमी की वजह से मानसून के पूर्वानुमान पर भरोसा कर पाना थोड़ा मुश्किल है।

एक मार्च से 31 मई तक के तीन माह गर्मियों के होते हैं, जबकि जून से सितंबर तक चार माह का समय मानसून का माना जाता है। मौसम विभाग के मुताबिक मार्च, अप्रैल और मई में औसत बारिश 47.8 मिलीमीटर होनी चाहिए। लेकिन 31 मई तक दिल्ली में केवल 26.5 मिलीमीटर (39 फीसद कम) बारिश हुई है। उत्तर प्रदेश में यह कमी 58 फीसद तक की है। हालांकि, गर्मी में पंजाब में तीन और हरियाणा में 14 फीसद अधिक बारिश दर्ज की गई है। राजस्थान में भी इन तीन माह में 68 फीसद अधिक बारिश हुई है।

यमुना के आंचल में मिल गई राहत

राजधानी में बड़ी संख्या में लोग फुटपाथ पर रात गुजारते हैं, लेकिन भीषण गर्मी में इन लोगों को दिन में ठिकाना नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में अब इन लोगों के लिए यमुना का किनारा ही आशियाना बन रहा है। कुदेसिया घाट कश्मीरी गेट बस अड्डे के पास स्थित यमुना पुल की छांव में दिनभर ऐसे लोग आराम करते देखे जा सकते हैं ।

कुलदीप श्रीवास्तव (निदेशक, प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र, दिल्ली) गर्मियों में अभी तक की बारिश औसत से कम जरूर है, लेकिन संभव है कि मानसून सामान्य ही रहे। मौसम की परिस्थितियों में बदलाव होता रहता है, ज्यादा कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी।

डॉ. के जे रमेश (महानिदेशक, मौसम विज्ञान विभाग) के मुताबिक, गर्मियों की बारिश हर स्तर पर कम चल रही है, लेकिन इससे मानसून के पूर्वानुमान को लेकर कुछ सटीक नहीं कहा जा सकता। उम्मीद है कि जून में प्री मानसून व जुलाई से सितंबर तक मानसून सीजन में बारिश औसत से बेहतर अर्थात सामान्य ही होगी।

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