अविश्वास प्रस्ताव पर होना था शक्ति प्रदर्शन, गेट पर ही जूझता रहा विरोधी खेमा

पुलिस प्रशासन नहीं दिया बस को जिला पंचायत परिसर में प्रवेश
आगरा। शुक्रवार को जिला पंचायत परिसर में अविश्वास प्रस्ताव की बहस और मतदान होना था। इसको लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सदस्य शुक्रवार सुबह बस में भरकर पंचायत परिसर पहुंचे तो उन्हें मुख्य द्वार पर रोक दिया गया। पुलिस प्रशासन का कहना था कि पहचान पत्र दिखाकर सिर्फ सदस्य ही अंदर जा सकते हैं। कोई हेल्पर या बस परिसर में अंदर नहीं जाएगी। जिसके चलते सदस्यों ने जमकर हंगामा काटा और पुलिस प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी की।
इस दौरान उनकी पुलिस अधिकारियों से तीखी बहस भी हुई। जिला पंचायत में तख्त पलट को लेकर चल रही कसरत में नया मोड़ आ गया है। साढ़े दस से साढ़े 12 बजे तक बैठक होनी थी। लेकिन पौने 12 बजे तक सदस्यों को प्रवेश ही नहीं मिला। प्रवेश के लिए विरोधी प्रवेश के लिए ही जूझता रहा।
बात दें कि जिला पंचायत के 28 सदस्यों ने 21 जून को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। सदस्यों के शपथ पत्र मय नोटरी के जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे। इसके बाद जिलाधिकारी ने प्रक्रिया की घोषणा की थी, जिस पर अध्यक्ष राकेश बघेल सहित आठ अन्य ने सवाल खड़ा करते हुए न्यायालय की शरण ली थी। उनका कहना था कि एजेंडा जारी होने से बैठक होने तक के बीच में 15 दिन का समय मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कई दूसरे सवाल खड़े किए थे। उन्होंने जिला पंचायत अधिनियम- 1962 का हवाला दिया था, जिसके बाद न्यायालय ने नौ जुलाई को आदेश जारी किया। इसमें कहा गया कि बैठक कराई जा सकती है, लेकिन इसका परिणाम बिना कोर्ट की अनुमति के प्रभावी नहीं होगा। शुक्रवार को पंचायत परिसर में सुबह 10.30 बजे से बहस होनी थी। उसके बाद यदि आवश्यक होता तो 12.30 बजे से 1.30 बजे तक मतदान का समय निर्धारित किया गया था लेकिन विरोधी खेमे को पौने 12 बजे तक परिसर में ही प्रवेश नहीं मिला है।

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