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नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद जिस तरह से भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर जैश के आतंकी कैंप को ध्वस्त किया है. उसके बाद से पाकिस्तान और भारत के बीच रिश्ते काफी तनावपूर्ण चल रहे हैं. पाकिस्तान और चीन से बढ़ते तनाव को देखते हुए सीमा पर भारतीय सेना को मजबूत करने का काम तेज कर दिया गया है. इसी कड़ी में अब सेना के गोला-बारूद को रखने के लिए पाकिस्तान और चीन की सीमा पर 4 सुरंग बनाए जाने को हरी झंडी दे दी गई है.
भारतीय सेना और NHPC के साथ हुए करार के मुताबिक इन चारों सुरंग को काम दो साल में पूरा कर लिया जाएगा. यह पहला प्रोजेक्ट होगा, जिसे NHPC पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर करेंगी. बताया जाता है कि एक एम्यूनेशन डंप भारत और पाकिस्तान की सीमा पर बनाया जाएगा जबकि तीन भारत और चीन की सीमा पर बनाया जाएगा. बताया जाता है कि इस प्रोजेक्ट में 15 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
सेना इस टनल के लिए काफी समय से प्रयास कर रही थी. NHPC को पहाड़ों में सुरंग बनाने में महारत हासिल है. बताया जा रहा है कि चारों टनल में 175 से 200 मीट्रिक टन गोला-बारूद रखने की क्षमता होगी. इन सुरंग को इस तरह से तैयार किया जाएगा कि दुश्मन के किसी भी हमले का असर यहां पर न हो. पहाड़ों के अंदर गोला-बारूद रहने का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि हर मौसम में भारतीय सेना के पास आसानी से इन्हें पहुंचाया जा सकेगा.
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