राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में देशभक्ति की बयार वही, ‘चंदा की चकोरी से कभी बात न होती, गर तुम से हमारी…

यूनिक समय/ फरह (मथुरा)। एकात्मवाद के प्रणेता  पंडित दीनदयाल उपाध्याय  चार दिवसीय स्मृति महोत्सव समारोह का रविवार रात्रि राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के साथ समाप्त हो गया। ओज और वीर रस से परिपूर्ण कवियों के काव्य पाठ  ने श्रोताओं को तालियों की गड़गड़ाहट के लिए मजबूर कर दिया। श्रोता जोश में भारत माता की जय के नारे लगाते रहे।

श्रोताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि पंडित जी के बताए मार्ग पर चलकर आज केंद्र और प्रदेश की सरकार काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व का सबसे ताकतवर देश होगा। भारत को पुन: विश्व गुरु बनाएंगे। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने कहा कि पंडित जी ने एकात्म, मानववाद का सिद्धांत दिया था।

डॉ. दिनेश मणि त्रिपाठी के कविता पाठ  ‘कोशिश करने वालों की हार नहीं होती, लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती को श्रोताओं के खूब सराहा। कवि संदीप अनुरागी ने पंडित जी को नमन करते हुए ‘जिनकी जयंती धूमधाम से मना रहे हैं, राष्ट्र के पुजारी उस नाम को नमन है’। बाराबंकी के शिव कुमार व्यास की कविता – ‘गुंडा, तस्कर और माफिया कांप रहे हैं थर-थर। मन में बैठ गया है कुछ ऐसा डर, कि आ जायेगा बाबा का बुलडोजर’ ने श्रोताओं की खूब वाही-वाही लूटी। सचिन दीक्षित की ओज रस की कविता- ‘बार-बार दुश्मनों को मारने से है अच्छा, एकबार में ही इन्हें साफ कर दीजिए’ ने श्रोताओं को भारत माता के गगनभेदी नारे लगाने को मजबूर कर दिया। कविता तिवारी का ओजस्विता के स्वर में कविता पाठ- ‘जब तक यह सूरज चांद रहेगा, तब तक हिंदुस्तान रहेगा’ पर श्रोता खड़े होकर भारत माता की जय के जोशीले नारे लगाते रहे।

डॉ. हरिओम पंवार का कविता पाठ ‘ मैं सूरज के साम्राज्य से आंख मिलाने वाला हूं’ को खूब सराहा। राम खिलाड़ी स्वदेशी की कविता- ‘ मेरी आंखों में बेसिक नहीं रोशनी, लेकिन मेरी आंखों में पानी तो है’। खूब सराही गई। गजेंद्र सौलंकी के मुक्तक- ‘ युगों- युगों तक इस धरती पर भारत मां की शान रहे’ गाया। डॉ.अनामिका जैन अम्बर की प्रेम रस की कविता- ‘चंदा की चकोरी से कभी बात न होती, गर तुम से हमारी यह मुलाकात नहीं होती’। श्रोताओं को तालियों की कड़वाहट के लिए मजबूर कर दिया। कमलेश मौर्य मृदुल के काव्य पाठ- ‘देश पीर गजवा ए हिंद की चपेट में है’। को खूब सराहा गया।

कार्यक्रम में  पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा,  दिनेश मणि त्रिपाठी , भाजपा जिलाध्यक्ष मधु शर्मा, मेला समिति के अध्यक्ष  अशोक टैंटीवाल एवं  जगमोहन पाठक आदि उपस्थित थे। अध्यक्षता कमलेश मोर मृदुल ने की। संचालन गजेंद्र सोलंकी ने किया।  जगमोहन पाठक ने आभार जताया।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*