
यूनिक समय, नई दिल्ली। भारतीय नौसेना की ताकत में एक और बड़ा इजाफा हुआ है। 18 जून को अत्याधुनिक ‘एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट’ INS अर्णाला को नौसेना के बेड़े में औपचारिक रूप से शामिल कर लिया गया। यह आयोजन विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड में हुआ, जहां देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
INS अर्णाला का नाम महाराष्ट्र के वसई स्थित ऐतिहासिक अर्णाला किले से प्रेरित है, जो भारत की समृद्ध समुद्री विरासत का प्रतीक माना जाता है। इस युद्धपोत को समुद्री सीमाओं की निगरानी और सुरक्षा के लिए खासतौर पर तैयार किया गया है। इसकी डिजाइन और क्षमताएं इसे खास बनाती हैं, जिससे यह उथले पानी में दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम है।
यह पोत न केवल उच्च तकनीक से लैस है, बल्कि यह समुद्र में भारत की रणनीतिक उपस्थिति को भी और मजबूत करता है। मजबूत स्टील संरचना, अत्याधुनिक सेंसर्स और हथियार प्रणालियों के साथ यह युद्धपोत हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।
INS अर्णाला की तैनाती से भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी क्षमताओं में काफी बढ़ोतरी होगी और यह हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री शक्ति को और सशक्त बनाएगा।
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