देवउठनी एकादशी पर भूल से भी नहीं करने चाहिए ये 5 काम, नहीं तो होंगी ये परेशानियां

इस बार देवउठनी का पर्व 8 नवंबर के दिन मनाया जाएगा। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु अपनी लंबी निद्रा से जगते हैं और सारा काम संभालते हैं। इस वजह से इस खास दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से की जाती है।

मान्यता यह भी है देवउठनी के दिन विष्णु भगवान की पूजा करने से जिंदगी के सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। इस दिन से सभी शुभ मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो जाती है। तो आइए जानते हैं कि देवउठनी के दिन ऐसे कौन से कार्य हैं जिन्हें करने से हमेशा बचना चाहिए।

1.दीपदान करना शुभशास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि देवउठनी एकादशी भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप और देवी वृंदा मतलब तुलसी के विवाह का दिन होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना पूरी विधि-विधान से की जानी चाहिए। इस खास दिन पर रात के समय अखंड दीपक जलाएं साथ ही घर की छत पर कुछ दीपक और भी जलाएं। ध्यान रखें इस रात घर के किसी भी कोने में अंधेरा नहीं होना चाहिए। महत्वपूर्ण बात यह भी है इस दिन दीपदान करने से सुख समृद्घि में वृद्घि होती है।

2.नहीं तोडऩा चाहिए तुलसी का पत्ताएकादशी तारीख विशेषतौर पर देवोत्थान एकादशी के दिन तो गलती से भी तुलसी का पत्ता नहीं तोडऩा चाहिए। क्योंकि इस दिन माता तुलसी और भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप का विवाह होता है। इस दिन देवी तुलसी को लाल चुनरी भी जरूर उड़ानी चाहिए साथ ही तुलसी के पौधे के नीचे दीया जलाना चाहिए।

3.चावल का प्रयोग है वर्जितशास्त्रों में एकादशी के दिन चावल या चावल से बनी चीजों को खाने को मना किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन चावल खाने वाला इंसान रेंगने वाले जीव की योनि में पैदा होता है। वहीं द्वादशी को चावल खाने से इस योनि से छुटकारा मिल जाता है।

4.नहीं करना चाहिए तामसिक पदार्थ का सेवनभगवान विष्णु जी को एकादशी का व्रत सबसे ज्यादा प्रिय होता है। पुराणों में ऐसा कहा गया है कि इस दिन जो लोग व्रत नहीं भी कर रहे उन लोगों को प्याज,लहसुन,मांस,अंडे जैसे तामसिक पदार्थ का सेवन करने से परहेज करनी चाहिए। इस दिन शारीरिक संबंध रखना भी बिल्कुल अच्छा नहीं माना जाता है। जो भी इन नियमों का पालन नहीं करता उन्हें यमराज का कठोर दंड भोगना पड़ता है।

5.ऐसा करने से हो सकती है लक्ष्मी मां नाराजएकादशी के दिन अपने मन को शांत रखें और कोशिश करें किसी भी हालात में बुजुर्गों का अनादर नहीं करें। हिंदू धर्म में एकादशी को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है।

ऐसा कहा जाता है इस खास दिन घर में सुख-शंति का सद्भाव बनाए रखने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। इसलिए गलती से भी आप शुद्घ वातावरण को दूषित न करें।

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