नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में करारी हार के बाद बीजेपी में नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश शुरू हो गई है। एक मीडिया रिपोर्ट में बीजेपी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि मनोज तिवारी की जगह अब किसी नए चेहरे को लाया जा सकता है। खबर ये भी है कि बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस्तीफे की पेशकश की है, लेकिन बीजेपी आलाकमान ने मनोज तिवारी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है और फिलहाल पद पर बने रहने के लिए कहा है।
बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के लिए जिन नामों की चर्चा जोर-शोर से चल रही है, उममें सबसे पहला नाम पश्चिमी दिल्ली के सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा का है। परवेश वर्मा की युवा होने के साथ-साथ पार्टी के अंदर हर वर्ग में पैठ है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले देश के गृह मंत्री और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह परवेश वर्मा की तारीफ कर चुके हैं।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है और मनोज तिवारी अध्यक्ष पद पर यह अवधि पूरी कर चुके हैं। बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए ही पिछले दिनों ही तिवारी का कार्यकाल बढ़ा दिया था, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद अब उनका विकल्प तलाशा जा रहा है। मनोज तिवारी के विकल्प के तौर पर कई नाम सामने आ रहे हैं।
दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और रोहिणी विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर विधायक बने विजेंद्र गुप्ता का भी नाम प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर चल रहा है। लेकिन माना जा रहा है कि विजेंद्र गुप्ता की उम्र और उनका पहला कार्यकाल उनको नई जिम्मेदारी के बीच में रोड़ा अटका सकता है।
दिल्ली बीजेपी के कद्दावर नेता और राजस्थान से राज्यसभा सांसद विजय गोयल का नाम भी दिल्ली बीजेपी के मुखिया के तौर पर लिया जा रहा है, लेकिन गोयल भी दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। अब देखना होगा किसे बीजेपी दिल्ला का अध्यक्ष बनाती है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बार बीजेपी उस नेता को पार्टी की कमान सौंप सकती है, जो युवा हो और जिसकी हर वर्ग में स्वीकार्यता हो। परवेश वर्मा के साथ-साथ दक्षिणी दिल्ली के बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी और पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर का नाम भी अध्यक्ष के तौर सामने आ रहा है।
लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर इस बार महिला को बैठाया जा सकता है। प्रदेश बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि एक तेजतर्रार महिला को भी कमान सौंपी जा सकती है। ऐसे में अगर किसी महिला को बीजेपी की कमान सौंपने की बात होगी तो उसमें मीनाक्षी लेखी का नाम भी सबसे उपर होगा, क्योंकि वह नई दिल्ली संसदीय सीट से सांसद होने के साथ-साथ अच्छी वक्ता भी हैं।
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक आलाकमान ने दिल्ली विधानसभा में करारी हार के बाद दिल्ली बीजेपी की पूरी टीम बदलने का मन बना लिया है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि कम से कम 15-20 सीट ऐसी थीं, जिसे बीजेपी आसानी से जीत सकती थी, लेकिन, बाहरी उम्मीदवार उतारने के फैसले के कारण बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं का साथ नहीं मिला।
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