भारतीय जनता पार्टी अपना जनाधार बढ़ाने की हमेशा कोशिश करती रहती है। हालांकि कुछ नेता कई बार भाजपा को छोड़कर अलग राह पकड़ लेते हैं। लेकिन अब भाजपा मजबूत स्थिति में है। ऐसे में बड़े नेता फिर से भाजपा से जुड़ना चाहते हैं। इसी वजह से एक मशहूर नेता भाजपा में वापसी की तैयारी कर रहा है। वो नेता इस राज्य का सीएम तक रह चुका है।
ये है वो दमदार नेता
जिस मशहूर और दमदार नेता की हम बात कर रहे हैं वो बाबूलाल मरांडी हैं। बाबूलाल बिहार और झारखंड के बड़े नेता रहे हैं। वो झारखंड के पहले सीएम रह चुके हैं। जब साल 2000 में बिहार से झारखंड अलग हुआ था, तब उन्होंने ही पहले सीएम पद की कमान संभाली थी। उस समय वो भाजपा के बड़े नेता हुआ करते थे। हालांकि साल 2006 में उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली थी। अब मरांडी दोबारा भारतीय जनता पार्टी में आने की तैयारी कर रहे हैं।
भाजपा भी झारखंड में चाहती है मजबूती
झारकंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष मरांडी को भाजपा भी झारखंड में हार के बाद अपनान चाहती है। इसकी वजह मरांडी का कद है जो आदिवासियों को आकर्षित करता है। मरांडी लगातार भाजपा के बड़े नेताओं के संपर्क में हैं। हालांकिी अभी भाजपा में उनको लेने के लिए मंथन जारी है। मरांडी 16 जनवरी को रांची लौटने वाले हैं। इसके बाद बीजेपी में जाने की तिथि तय होगी। वो भाजपा में अपने दल का विलय कर सकते हैं।
बाबूलाल के भाजपा में शामिल होने की अटकलें, झारखंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर; BJP थिंकटैंक से मुलाकात!
बाबूलाल मरांडी भाजपा में शामिल हो गए हैं। ऐसी अटकलें झारखंड के सियासी गलियारे में तैर रही है। कहा जा रहा है कि उन्होंने शुक्रवार को नई दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सामने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इससे पहले झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र समाप्त होते ही झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी रांची से बाहर चले गए हैं।
बताया जा रहा है कि वे भाजपा में शामिल होने ही झारखंड से बाहर गए हैं। संभव है कि खरमास के बाद बाबूलाल की ओर से इसका औपचारिक एलान कर दिया जाए। अटकलों के मुताबिक बाबूलाल मरांडी को भाजपा विधायक दल का नेता चुनकर झारखंड में नेता प्रतिपक्ष के पद पर आसीन कर रही है। हालांकि वे कहां गए हैं इस बारे में उनके नजदीकी सूत्र भी खुलासा नहीं कर रहे हैं। बाबूलाल के रांची से बाहर जाने को लेकर अटकलों का बाजार एक बार फिर गर्म हो गया है। चर्चा है कि वे दिल्ली या कोलकाता में भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने निकले हैं।
बता दें कि बाबूलाल के भाजपा में शामिल होने की चर्चा जोरों पर हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा को राज्य में एक मजबूत आदिवासी नेता की तलाश है, वहीं बाबूलाल की पार्टी भी चुनाव मेंं कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सकी है। ऐसे में दोनों ही एक दूसरे में संभावनाएं तलाशने में जुटे हैं। यदि बाबूलाल भाजपा में शामिल होते हैं पार्टी उन्हें नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दे सकती है। भाजपा ने अब तक यह पद रिक्त रखा है।
पार्टी की ओर से कहा गया है कि खरमास के बाद ही भाजपा में विधायक दल का नेता का चयन किया जाएगा। इधर, बाबूलाल मरांडी ने भी झाविमो कार्यसमिति को भंग कर दिया है और खरमास के बाद अगला कदम उठाने की बात कही है। इधर विधानसभा चुनाव की हार से उबरने में लगी भाजपा संगठन के स्तर पर बेहद असहज हो रही है। हार की समीक्षा से नेता परहेज कर रहे हैं।
वहीं भारतीय जनता पार्टी में विधायक दल के नेता को लेकर भी असमंजस की स्थिति है। सियासी गलियारे में चल रही चर्चाओं के मुताबिक अब बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल होने के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। हालांकि पार्टी के नेता इसे खरमास के बहाने टालने की कोशिश कर रहे हैं। अंदरखाने संगठन में बड़े बदलाव के संकेत भी मिल रहे हैं।
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