उद्धव ठाकरे मंत्रिपरिषद का पहला विस्तार होते ही महाराष्ट्र विधानसभा के तीनों घटक दल शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के अंदर मंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर भारी असंतोष है। उद्धव ठाकरे की ही पार्टी शिवसेना के 12 विधायकों के पार्टी छोड़ने की सुगबुगाहट शुरू हुई है। इसको लेकर पार्टी नेता ने साफ किया कि लिस्ट लंबी होने की वजह से कई विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जा सका है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नाराज नेताओं की एक बैठक बुलाई है। ऐसी स्थिति को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि अगर ये नाराज लोग बीजेपी के साथ आ जाएं तो बीजेपी की सरकार एक बार फिर से बन सकती है।
आपको बता दें कि चुनावों से पहले एनसीपी छोड़कर शिवसेना में आए भास्कर जाधव ने ठाकरे पर अपना वादा नहीं निभाने का आरोप लगाया है। इससे पहले फडणवीस सरकार में मंत्री रहे तानाजी सावंत भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने से नाराज हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के साथ-साथ एनसीपी नेताओं ने भी कहा कि उनकी पार्टियों के भीतर नाराजगी है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अबतक विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लगभग एक महीने बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार 30 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार किया था।
आपको बता दें कि अभी हाल ही में महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर काफी ड्रामा हुआ था। पहले देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली और बाद में उन्हें अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा। इसके बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई जिसके मुख्यमंत्री हुए उद्धव ठाकरे। अब देखने वाली बात होगी कि नाराज विधायकों के कैसे खुश किया जाता है।
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