नॉर्थ-ईस्ट लोकसभा सीट के आने वाला बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र दिल्ली की एकमात्र ऐसी सीट है, जहां बीजेपी और कांग्रेस सीधे आम आदमी पार्टी को टक्कर नहीं दे रही हैं। दोनों ने यहां अपने उम्मीदवार भी नहीं उतारे हैं। गठबंधन और पूर्वांचली वोटों के लिए दोनों पार्टियों ने यह सीटें अपने सहयोगी दलों को दे दी है।
जानकार बताते हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में शायद पहली बार होगा, जहां किसी सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों के ही उम्मीदवार चुनावी मैदान से बाहर होंगे। हालांकि इन दोनों पार्टियों के गठबंधन के प्रत्याशी जरूर मैदान में हैं। इस सीट के लिए बीजेपी ने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ गठबंधन किया है। दोनों ही बिहार की प्रमुख पार्टियां हैं। ऐसे में इस गठबंधन को पूर्वांचली वोटों को साधने के लिए कदम माना जा रहा है।
बुराड़ी को पूर्वांचल वोट बैंक के तौर पर देखा जाता है। ज्यादातर उम्मीदवार भी पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं। इस सीट से आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक संजीव झा पूर्वांचली चेहरा हैं। वह 2013 और 2015 में यहां से जीत चुके हैं। बीजेपी ने 2015 में पूर्वांचली चेहरा कहे जाने वाले गोपाल झा को टिकट दिया था। इस बार बीजेपी गंठबंधन की तरफ से जेडीयू के पूर्वांचली प्रत्याशी शैलेंद्र सिंह मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस गठबंधन की तरफ से आरजेडी के प्रमोद त्यागी को मौका दिया है।
जानकार बताते हैं कि दिल्ली के पूर्वांचली इलाकों में इस तरह गठबंधन कर दोनों पार्टियों नए समीकरण भी तलाशने की कोशिश में हैं। इसी साल के आखिरी में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए भी दोनों पार्टियों के गठबंधन को अहम माना जा रहा है।
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