अनोश एक्का. झारखंड के पूर्व मंत्री हैं. इन्हें 23 अप्रैल को रांची की एक अदालत ने सात साल की सज़ा सुनाई है. मनी लॉन्ड्रिंग के केस में. इसके अलावा दो करोड़ का जुर्माना भी लगाया है. अगर एक्का ये जुर्माना नहीं देंगे तो उन्हें एक साल की सज़ा और काटनी होगी
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले की छानबीन की है. निदेशालय ने अपनी चार्जशीट में एक्का के खिलाफ 20 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था. उनकी जांच के आधार पर ही जज अनिल मिश्रा ने ये सज़ा सुनाई. वह प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के सेक्शन-4 के तहत दोषी पाए गए हैं. ED ने ट्विटर पर जानकारी दी कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए सज़ा सुनाई गई.
कोर्ट ने कहा,
Through Video Conference Hon’ble Special Judge (PMLA) Ranchi pronounces sentence to Anosh Ekka, former Minister of Jharkhand for 7 years Rigorous Imprisonment (RI) & fine of ₹2 Crore.
— ED (@dir_ed) April 23, 2020
‘पब्लिक सर्विस की गुणवत्ता केवल तभी अच्छी होगी, जब पब्लिक सर्वेंट ईमानदारी से अपना काम करें. जनता के लिए लगन से काम करें.’
कब का मामला है?
‘आज तक’ के मुनीष पांडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मधु कोड़ा जब राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब अनोश कैबिनेट मंत्री थे. मार्च 2005 से दिसंबर 2009 तक. उनके पास ग्रामीण विकास, ट्रांसपोर्ट और पंचायत राज विभागों का ज़िम्मा था. अनोश के ऊपर आरोप लगे थे कि जब वो मंत्री थे, तब उन्होंने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया और अवैध तरीकों से करोड़ों की प्रॉपर्टी बना डाली.
अनोश के करोड़ों रुपए ED जब्त करेगी
अब जब अनोश को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में सज़ा मिल ही गई है, तो ED को भी उनकी 22 करोड़ की प्रॉपर्टी ज़ब्त करना करने का आदेश मिल गया है. इस प्रॉपर्टी में चल-अचल संपत्ति है. कैश, ज़मीन, बैंक बैलेंस, फिक्स डिपॉज़िट, गाड़ियां, बंदूकें सब शामिल हैं. ED का कहना है कि ये प्रॉपर्टीज़ या तो अनोश के नाम पर है या फिर उनके परिवार के किसी सदस्य के नाम पर.
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