रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ पूर्वी सिंहभूम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले सरयू राय प्रतिपक्ष के नेता हेमंत साेरेन के समर्थन में दुमका में दाे दिनाें तक चुनाव प्रचार करेंगे। सरयू राय ने शुक्रवार काे राजभवन जाकर राज्यपाल काे मंत्रिमंडल से अपना त्याग पत्र साैंप दिया। साथ ही यह अनुराेध किया कि उनका त्याग पत्र तत्काल स्वीकार किया जाए।
राजभवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए और बाद में अपने डाेरंडा स्थित सरकारी आवास उन्हाेंने प्रदेश भाजपा काे कठघरे में खड़ा किया। कहा कि झारखंड में भाजपा 15 से ज्यादा सीट नहीं ला पाएगी। भाजपा के 65 पार के दावे पर कहा कि झारखंड में भाजपा 65 पार नहीं बल्कि 65 के बाद वाला अंक लाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा काे अपना संविधान पढ़ लेना चाहिए। वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य हैं, जिसे हटाने की शक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पास है।
उन्हें प्रदेश भाजपा नहीं हटा सकती। वैसे जिस दिन उन्हाेंने मुख्यमंत्री के खिलाफ नामांकन किया था उसी दिन मुख्यमंत्री काे उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए था। सरयू राय ने कहा कि वे भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ रहे थे। ऐसे में उनका नैतिक दायित्व इस्तीफा देना था। गत 17 नवंबर को ही उन्होंने फैक्स से इस्तीफा राजभवन को भेज दिया था जो शायद राज्यपाल को नहीं मिल पाया। उन्हाेंने राजभवन काे फैक्स के समय की काॅपी भी साैंप दी है। साथ ही राज्यपाल से त्याग पत्र पर तत्काल कार्रवाई का अनुराेध किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि अच्छा होता कि मुख्यमंत्री स्वयं उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देते। सरयू राय ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के मामले उन्होंने जो उठाए हैं उन्हें चुनाव के बाद जारी रखेंगे। चुनाव के समय पूर्वी सिंहभूम के मतदाताओं ने उनसे आग्रह किया था कि वे उनके मुद्दाें काे उठाएं बाद में अपने मुद्दे पर ध्यान दें। उनके आग्रह के अनुसार उन्हाेंने चुनाव तक पूर्वी सिंहभूम की जनता के मुद्दाें काे ही उठाया।
जमशेदपुर पूर्वी सीट से जीत की बात पूछे जाने पर सरयू राय ने कहा कि उन्हाेंने पहले ही कहा था कि वहां जनता चुनाव लड़ रही है और सूचना मिल रही है कि वह जीत रही है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने उन्हें चुनाव में समर्थन दिया है, इसलिए वे हेमंत के समर्थन में संताल जाएंगे।
इसके अलावा वे जरमुंडी में भी निर्दलीय प्रत्याशी सीताराम पाठक के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे। यह पूछे जाने पर कि अगर वे चुनाव जीत जाते हैं ताे महागठबंधन काे सरकार बनाने में सहयाेग करेंगे, के जवाब मे कहा कि वे निर्दलीय की भूमिका में रहेंगे और मुद्दाें के आधार पर समर्थन देंगे।
Leave a Reply