
यूनिक समय, नई दिल्ली। कनाडा में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन की शुरुआत से पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि वे सम्मेलन समाप्त होने से पहले ही अमेरिका लौट जाएंगे। यह फैसला उन्होंने ऐसे समय में लिया है जब ईरान और इज़राइल के बीच तनाव अपने चरम पर है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप कुछ अहम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए वाशिंगटन लौट रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इसकी आधिकारिक वजह मध्य पूर्व की स्थिति को बताया, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि ईरान-इज़राइल विवाद और उससे जुड़ी अमेरिकी रणनीति इसके पीछे प्रमुख कारण है।
G7 शिखर सम्मेलन के पहले दिन ट्रंप ने एक विवादास्पद बयान देते हुए तेहरान के नागरिकों को शहर खाली करने की चेतावनी दी, जिसे विशेषज्ञों ने ईरान पर दबाव बढ़ाने की एक कोशिश के रूप में देखा।
हालांकि, ट्रंप ने इस बयान पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया, जिससे अमेरिका का रुख बाकी देशों से भिन्न दिखाई दिया। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अमेरिका और ईरान के बीच जल्द कोई राजनयिक पहल हो सकती है। ट्रंप के अनुसार, “ईरान बात करना चाहता है, और हम भी कुछ करने के लिए तैयार हैं।”
रूस के मुद्दे पर भी ट्रंप ने अपने पुराने विचार दोहराए, यह कहते हुए कि यदि रूस आज G8 का हिस्सा होता, तो यूक्रेन युद्ध शायद न होता। इस पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “जो देश संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है, वह मध्य पूर्व में शांति का नेतृत्व नहीं कर सकता।”
यह घटनाक्रम न केवल अमेरिका की विदेश नीति की दिशा को उजागर करता है, बल्कि G7 देशों के बीच मतभेदों को भी स्पष्ट रूप से दिखाता है।
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