रामायण के बाद उत्तर रामायण ने टीवी पर बजाया डंका, रिकार्ड के साथ बना नंबर 1 शो!

मुंबई। कोरोना वायरस ने लोगों को घर में कैद भले कर लिया हो, लेकिन टीवी पर पुराने दौर के लोगों के लिए उनकी यादों को फिर से ताजा कर दिया है। लॉकडाउन के दौरान शुरू किए गए धार्मिक शो ने अपनी धाक जमाई हुई है। ये सीरियल टीआरपी चार्ट्स पर धमाल मचा रहे हैं. साल 2020 के 17वें हफ़्ते की रिपोर्ट के मुताबिक ‘उत्तर रामायण ने शहरी और ग्रामीण इलाक़ों में नंबर वन शो रहा, वहीं ‘महाभारत ‘ दूसरे स्थान पर रहा है. टीआरपी के मामले में इन दोनों सीरियल्स ने एंटरटेनमेंट के दूसरे चैनल्स को पछाड़ दिया है।

 

इन दिनों दूरदर्शन (Doordarshan) को कोई दूसरा एंटरटेनमेंट चैनल टक्कर नहीं दे पा रहा है। पिछले पांच सालों में यानि साल 2015 से लेकर अब तक जनरल एंटरटेनमेंट कैटगरी के मामले में दूरदर्शन पर प्रसारित रामायण बेस्ट सीरियल बना और उसके बाद लव-कुश यानि ‘उत्तर रामायण’ को भी जनता का वहीं प्यार मिलां

ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल ने 25 अप्रैल से 1 मई तक की जो रिपोर्ट जारी की है। जिसके मुताबिक, शहरी इलाकों में डीडी नेशनल के शो ‘उत्तर रामायण’ ने 28383 इंप्रेशंस के साथ पहला स्थान पर रहा। वहीं दूसरे स्थान पर डीडी भारती का शो ‘महाभारत’, स्टार प्लस पर प्रसारित ‘महाभारत’ ने भी 5601 इंप्रेशंस के साथ इस लिस्ट में तीसरी नंबर पर है। वहीं, दंगल टीवी का शो ‘महिमा शनिदेव की’ चौथे और ‘बाबा ऐसो वर ढूंढो’ पांचवें नंबर पर रहा।

ग्रामीण क्षेत्रों के दर्शकों की बात करें तो यहां भी डीडी नेशनल के शो ‘उत्तर रामायण’ ने 24080 इंप्रेशंस के साथ टॉप पोजिशन हासिल की है। ‘बाबा ऐसो वर ढूंढो’ दूसरे, ‘महिमा शनिदेव की’ तीसरे और ‘महाभारत’ चौथे स्थान पर रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की संयुक्त लिस्ट देखें तो उत्तर रामायण पहले, डीडी बारती पर आने वाली महाभारत दूसरे, ‘बाबा ऐसो वर ढूंढो तीसरे, महिमा शनिदेव की चौथे और दंगल पर आने वाली रामायण पांचवे स्थान पर रही है।

आपको बता दें उस जमाने में भी निर्देशक रामानंद सागर के सीरियल ‘रामायण’ ने टीवी पर एक अनोखा इतिहास सा रचा था। इस सीरियल को देखने के लिए लोगों ने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया था। 1988 में प्रसारित हुए इस सीरियल में नजर आया हर किरदार लोगों के दिलों पर छा गया था। रामायण की वजह से उस समय सड़कें खाली हो जाती थी. लोग टीवी पर बैठकर बस श्री राम के जीवन की इस कहानी को पूरे भाव से देखते थे।

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