कंगना रनौत के मुंबई स्थित दफ्तर में तोड़फोड़ मामले की सुनवाई बॉम्बे हाईकोर्ट में शुरू हो गई है. आज बीएमसी को कोर्ट को बताना होगा कि उन्होंने जितनी तेजी से कंगना के दफ्तर पर कथित अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई की, क्या बाकी मामलों में भी उतनी तेजी से ही कार्रवाई करती है.
कंगना के दफ्तर में तोड़फोड़ पर बीएमसी देगी जवाब
कंगना ने बीएमसी से अपने ऑफिस की तोड़फोड़ के लिए 2 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है. संजय राउत बॉम्बे हाई कोर्ट में आज अपना हलफनामा दाखिल कर सकते हैं. हाई कोर्ट के आदेश पर संजय राउत को इस केस में मुख्य आरोपी बनाया गया है. कंगना और संजय राउत के बीच ट्विटर वॉर के बाद ही कंगना के ऑफिस के कुछ हिस्सों को ध्वस्त किया गया था.
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पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट में कंगना के वकील ने संजय राउत के नाम का भी जिक्र किया था. कंगना के वकील ने दलील देते हुए कहा था कि क्योंकि कंगना ने सत्ता में बैठे हुए लोगों को लेकर कुछ ऐसी बातें कही थी जो उनको नागवार गुजरी इस वजह से कंगना के दफ्तर की ये हालत हुई, जबकि कंगना के दफ्तर पर किसी भी तरह का अवैध निर्माण नहीं चल रहा था. गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा था- बीएमसी तो अपने काम में काफी तेज है तो उसे और समय की क्या जरूरत है. वहीं जज की तरफ से ये भी कहा गया था कि कंगना के उस धवस्त किए गए ऑफिस को उस हालत में नहीं छोड़ा जा सकता है. भारी मानसून में खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है.
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कोर्ट की इस दलील को ही कंगना रनौत ने अपनी जीत मान लिया था. उन्होंने ट्वीट कर ना सिर्फ कोर्ट का शुक्रिया अदा किया बल्कि ये भी कहा कि बरसात में उनका घर टूट रहा है और कोर्ट का इतना सोचना तारीफ योग्य है.
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