राहुल गांधी देश के उन युवा नेताओं में से एक है जिन्हें भविष्य के प्रधानमंत्री के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि अपने शब्दों एवं भाषणों की वजह से कई बार उन्हें विपक्षियों से आलोचना का शिकार होना पड़ता है लेकिन फिर भी वह हिम्मत नहीं हारते हैं. मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी को बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन राहुल गांधी किसी भी कीमत पर हार मानने को तैयार नहीं है.
पहला निशाना
कोरोना वायरस की वजह से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है. इसके चलते कई उद्योग धंधे ठप हो चुके हैं. जहां पूरी दुनिया में पीएम मोदी द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के लिए किए गए कार्यों की तारीफ हो रही है वहीं राहुल गांधी ने पीएम मोदी को इसके लिए जिम्मेवार ठहराया है. राहुल गांधी ने कहा कि अगर समय रहते एहतियात बरती जाती तो देश की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस की वजह से कोई असर नहीं होता.
दूसरा निशाना
एक अन्य रिपोर्टर ने राहुल गांधी से ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर सवाल पूछा तो उन्होंने बड़ी शांति से जवाब देते हुए कहा कि सिंधिया उनके बहुत अच्छे मित्र रहे हैं और वह उनसे भली-भांति परिचित है. राहुल गांधी ने कहा कि वह सिंधिया की विचारधारा से भली-भांति परिचित है लेकिन जैसे ही उन्होंने अपने राजनैतिक लाभ के बारे में सोचना शुरू किया तो तभी उन्होंने अपने उसूलों को भी जेब में डाल लिया.
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