दिल्ली समेत चार राज्यों को थी तलाश
नोएडा । उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान पुलिस की आंख की किरकिरी बने कुख्यात बदमाश बलराज भाटी को एसटीएफ गुरुग्राम और नोएडा पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। यह मुठभेड़ सोमवार को नोएडा सेक्टर-49 में हुई। मुठभेड़ के दौरान दोनों तरफ से करीब 80 राउंड फायरिंग हुई, जिसमें कुख्यात बदमाश बलराज मारा गया। मारा गया ईनामी बलराज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदमाश सुंदर गैग शातिर सदस्य था।
गैंगस्टर सुंदर भाटी का दाहिना हाथ कहा जाने वाला बलराज दिल्ली-एसनसीआर में आतंक का पर्याय बन चुका था, साथ ही लोगों के साथ ही पुलिस के लिए भी बड़ा सिरदर्द बन चुका था। बलराज कितना बड़ा कुख्यात बदमाश था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उस पर दो राज्यों की पुलिस ने 2 लाख रुपये का ईनाम रखा था। इसमें हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस की ओर से एक-एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था।
मुठभेड़ के दौरान जहां पुलिस ने इलाके का छावनी में तब्दील कर दिया, वहीं मुठभेड़ खत्म होने के बाद वहां लोगों की भीड़ लग गई। जमा भीड़ के चलते कुछ ही देर में भारी जाम लग गया। इसे लेकर पुलिस प्रशासन को काफा मशक्कत करनी पड़ी। बलराज भाटी इस समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा बदमाश था, जो जेल से बाहर था। आइजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि पिछले तीन माह से एसटीएफ बलराज भाटी की गतिविधियों पर नजर रखे हुए था। करीब एक साल पहले गुरुग्राम के खांडसा गांव में फरीदाबाद व गुरुग्राम पुलिस से बलराज भाटी की मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान बलराज गोली चलाकर मकान के पिछले दरवाजे से भाग निकला था।बलराज के कारनामों के चलते फरीदाबाद पुलिस ने एक महीने पहले ही उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। यहां वह शशि गुर्जर और उसके भाई की हत्या में वांछित था बलराज। फरीदाबाद पुलिस भी इसकी तलाश में थी।
मूलरूप से धूसरी जिला बुलंदशहर यूपी निवासी बलराज दिल्ली पुलिस में सिपाही था। नौकरी में रहते हुए हत्या के एक मामले में आरोपी बना था। जिसके बाद उसकी नौकरी चली गई थी। उस वारदात के बाद बलराज अपराध की दुनिया में आ गया। उसे कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी का दाहिना अंग माना जाता था। सुंदर जेल में है, लेकिन उसके गैंग को बलराज ही चला रहा था।
सुपारी लेकर हत्या कराना बदमाश बलराज भाटी का मुख्य काम बन चुका था। उसे दिल्ली, यूपी, हरियाणा पुलिस ने इनामी घोषित कर रखा था। कुलमिलाकर उस पर दो लाख रुपये का इनाम था।
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