कार्यालय संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। पहला केस कोतवाली क्षेत्र कें बीएसए इंजीनियरिंग कालेज के समीप एक कालोनी की दो बहनें डरी सहमी। अब स्कूल जाने की हिम्मत भी नहीं हो रही हैं। मनचलें की हरकतों से वह घर के अंदर ही रहने को विवश। दूसरा केस शेरगढ़ थाने क्षेत्र के एक गांव का। यहां जंगल से लौट रही एक युवती को बाइक सवार उठा ले गए, तीन दिन बाद भी कोई सुराग नहींं। दोनों ही मामलों में पुलिस पर अंगुली उठना शुरु हो गया।
पहले केस वाली दोनों बहनें एक अधिवक्ता के माध्यम से एसएसपी के दरबार में पहुंची। पूरी कहानी सुनाई। दोनों बहनों को लेकर पहुंचे अधिवक्ता का कहना है कि मनचले के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज करा दी गई, किंतु पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब मनचले का इतना अधिक खौफ हो गया है कि दोनों बहनों ने कालेज जाना बंद कर दिया है। हैरत की बात तो यह है कि अधिवक्ता भाजपा से जुड़े हुए हैं, फिर पुलिस दोनों बहनों के दर्द को सुनने को तैयार नहीं है।
दूसरे केस की कहानी में इस प्रकार है। शेरगढ़ थाने के अंतर्गत एक गांव के दो बहनें अपने माता-पिता के खेत में गेहूं कटाई का कार्य कराकर घर लौट रही थी। रास्ते में बाइक सवार दो युवक को जबरदस्ती उठाकर ले गए। एक बहन ने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट कर डाली। उसने घर जाकर पूरा घटना क्रम बताया। परिवार वाले पुलिस स्टेशन पहुंचे, लेकिन तीन दिन बाद पुलिस उठाकर ले जाई गई बेटी का सुराग नहीं लगा पाई। यह दो केस तो ऐसे हैं, संज्ञान में आ गए। न जाने कितने और केस ऐसे होंगे, जो पुलिस स्टेशन तक पहुंच नहीं पाते होंगे। अब अंदाज लगाया जा सकता है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारी शक्ति मिशन का बेटियों के बीच क्या संदेश जा रहा है।
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