यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली (यूएनजीए) प्रेसीडेंट डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि भारत ने अफ्रीकन यूनियन को जी20 की सदस्यता दिलाकर मास्टर स्ट्रोक खेला है। इससे भारत ग्लोबल साउथ की आवाज बन गया है। हाल ही में भारत की अध्यक्षता में हुए जी20 समिट के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकन यूनियन को जी20 का सदस्य बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से माना गया। फ्रांसिस ने कहा कि भारत का यह कदम मास्टर स्ट्रोक जैसा है और अफ्रीकन यूनियन का शामिल होना इसे साबित करता है।
एजेंसी के साथ बातचीत के दौरान यूएनजीए प्रेसीडेंट ने अफ्रीकन यूनियन के इंक्लूजन के लिए भारत सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी को बधाई दी। फ्रांसिस ने कहा कि मैं भारत को इसलिए भी बधाई देता हूं क्योंकि इस इंक्लूजन की रणनीतिक जरूरत थी, जिसे भारत ने समझा और अफ्रीकन यूनियन को जी20 का सदस्य बनाया। भारत वैसे भी अब दुनिया के लिए रोल मॉडल बन चुका है। इतनी अलग-अलग संस्कृतियों, भाषा होने के बावजूद यह देश किस तरह से एकता के सूत्र में बंधा हुआ है, वह शानदार है। भारत एक शक्तिशाली राजनैतिक शक्ति भी है। भारत से पूरी दुनिया को सीखना चाहिए। वह सिर्फ ग्लोबल साउथ की आवाज नहीं बल्कि वैश्विक समुदाय की भी आवाज बन चुका है।
यूएन के शांति मिशन में सबसे ज्यादा शांति सैनिक भारत के हैं। इस पर फ्रांसिस ने कहा कि इतना ही नहीं भारत सबसे ज्यादा महिला शांति दूतों को शामिल करता है। भारत का रोल टॉप कंट्रीब्यूटर का है। यूनाइटेड नेशंस के सिस्टम में भारत का अहम योगदान है। इसमें कोई भी शक नहीं है कि भारत जो कहता है, वह हर हाल में पूरा करने की कोशिश करता है। भारत दुनिया का पहला देश है, जिसने शांति सेना में भारतीय महिलाओं को शामिल किया। फ्रांसिस ने इस बात पर भी जोर दिया कि यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में भारत की स्थायी सदस्यता होनी चाहिए।
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