नई दिल्ली। बात-बात पर तनाव के बीच गुजरात के वेरावल में सांप्रदायिक सौहार्द की अनोखी मिसाल देखने को मिली। यहां एक मुस्लिम लड़की की शादी से पहले गणेश पूजा की गई, फिर लड़की के परिवार वालों ने उसकी निकाह कराई। दरअसल शबनम जब 5 साल की थी तभी उसकी मां की मौत हो गई। उसके पिता कमरुद्दीन शेख ट्रक ड्राइवर थे और उन्हें कुछ भी सूझ नहीं रहा था कि किस तरह बेटी का लालन-पालन करें। कमरुद्दीन ने अपने मित्र जोरा से मदद मांगी, जिसके बाद जोरा परिवार ने शबनम को अपने परिवार का हिस्सा बना लिया। 2012 में जब शबनम 14 साल की थी, तब उसके पिता कमरुद्दीन अचानक शहर से गायब हो गए और कभी नहीं लौटे।
मां की मौत और पिता के लापता होने के बाद जोरा का घर ही शबनम का ठिकाना था जहां उसे अपनी मर्जी के धर्म का पालन करने की आजादी दी गई थी। जोरा के मुताबिक शबनम नियमित तौर पर नमाज पढ़ती है लेकिन हिंदू त्योहारों को भी उसी शिद्दत और उत्साह से मनाती है। शबनम जब 20 साल की हुई तो जोरा को उसके भविष्य की चिंता सताने लगी। उन्होंने कुछ स्थानीय मुस्लिम नेताओं से संपर्क किया और शबनम की शादी के लिए अब्बास नाम के एक मुस्लिम युवक को चुना। शादी समारोह की शुरुआत गणेश पूजा से हुई। इसके बाद मौलवी ने उसका निकाह पढ़वाया। निकाह के बाद शबनम को पालने वाले मेरामन जोरा ने उसका विधिवत कन्यादान दिया।
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