यूपी शिक्षा विभाग: प्रवेश पत्र में छात्र को बता दिया ‘ब्लाइंड, शिकायत पर सुनवाई नहीं

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यूपी बोर्ड की परीक्षा में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. इस बार बोर्ड की ओर एक छात्र के लिए जारी प्रवेश पत्र में गड़बड़ी हुई है. इसमें छात्र के दिव्यांगता श्रेणी में उसे ब्लाइंड करार दिया गया है. अब छात्र इसमें सुधार के लिए चक्कर काट रहा है.

यूपी बोर्ड की तैयारी कर रहे गाजियाबाद के एक छात्र को बोर्ड ने ‘ब्लाइंड’ घोषित कर दिया है. बोर्ड की ओर से जारी प्रवेश पत्र में भी उसे ब्लाइंड बताया गया है. छात्र का आरोप है कि उसने बोर्ड के फार्म में सही जानकारी दी थी, क्लास टीचर ने उसे सत्यापित भी किया था. अब बोर्ड की ओर से यह गलती आ गई है तो कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं है. वहीं छात्र की मां ने बताया कि वह खुद एक कंपनी में काम करती है और उसके पति दूसरे शहर में नौकरी करते हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इस गलती को सुधारने के लिए कौन बोर्ड कार्यालय के चक्कर लगाए.

मामला संज्ञान में आने के बाद छात्र के परिजनों ने इस प्रवेश पत्र को सोशल मीडिया पर डाल दिया है. जानकारी के मुताबिक यह प्रवेश पत्र डॉ. आंबेडकर इंटर कॉलेज इंदरगढ़ी गाजियाबाद के छात्र निखिल का है. निखिल इस बार यूपी बोर्ड की परीक्षा में 12वीं कक्षा के लिए बैठने वाला है. कामर्स के छात्र निखिल ने बताया कि दसवीं बोर्ड का प्रवेश पत्र उसके पास रखा है. इसमें पूरा विवरण ठीक है. लेकिन इस बार 12वीं की परीक्षा में बोर्ड की ओर से जारी प्रवेश पत्र में अशुद्धियां हैं. इस तरह की गलती की रिपोर्ट कई अन्य छात्रों ने भी दर्ज कराई है. इसमें किसी छात्र का जेंडर चेंज कर दिया गया है तो किसी का नाम या पिता के नाम में अशुद्धि आई हैं.

छात्र निखिल ने बताया कि उसने प्रवेश पत्र की गलती के संबंध में स्कूल प्रबंधन को शिकायत दी, लेकिन स्कूल वालों ने सुनने से भी इंकार कर दिया. बल्कि इस गलती के सुधार के लिए छात्र को खुद बोर्ड कार्यालय मेरठ जाने की सलाह दी है. वहीं छात्र की मां ने कहा कि बेटे के पिता दूसरे शहर में नौकरी करते हैं. वह खुद यहां एक कंपनी में नौकरी करती है. ऐसे में प्रवेश पत्र में सुधार के लिए वह कैसे मेरठ जा सकती है.

सोशल मीडिया पर मामला उजागर होने के बाद कई लोगों ने छात्र की मदद का भरोसा दिया है. इसमें लोगों ने सोशल मीडिया पर ही प्रवेश पत्र में सुधार की प्रक्रिया बताई है. साथ ही आश्वासन दिया है कि मेरठ बोर्ड में किसी तरह की दिक्कत होने पर वह उनकी मदद करेंगे.

बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक साथ लाखों की संख्या में प्रवेश पत्र तैयार किए जाते हैं. चूंकि इसके लिए बहुत कम समय होता है. ऐसे में इस तरह की गलतियां होती रहती है. अक्सर छात्रों के नाम, पिता का नाम, जेडर या दिव्यांग श्रेणी में इस तरह की गलतियां होती है. कई बार विषय तक गलत दर्ज हो जाता है. ऐसी स्थिति में संबंधित स्कूल के जरिए छात्र जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. सीधा जाकर भी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में शिकायत दी जा सकती है. इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय की ओर से बोर्ड में पहल कर इस समस्या का समाधान कराया जा सकता है.

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