यूपी चुनावी रण: पिता—बेटी की जोड़ी आमने—सामने, कितना दिलचस्प होगा यह मुकाबला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर गर्मा-गर्मी का मौहाल बना हुआ है। प्रदेश में पार्टियों के बीच सियासी जंग लगातार देखने को मिल रही है। कभी नेता, विधायक अपनी पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल होते नजर आए तो कभी टिकट के लिए पति-पत्नी झगड़ते नजर आए है। इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में काफी दिलचस्प मोड़ नजर आए है। अब सियासत में पिता-बेटी की जोड़ी भी एक दूसरे के सामने उतरने के लिए तैयार है। दरअसल दिलचस्प यह है कि पिता-बेटी की जोड़ी एक पार्टी से नहीं बल्कि दोनों विपक्षी दल में शामिल है। बता दे कि भाजपा ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के लिए अपनी चौथी कैंडिडेट लिस्ट जारी कर दी है। इस चौथी लिस्ट में भाजपा ने बिधूना विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक विनय शाक्य ने भी पार्टी बदल चुके है, उनके सपा में शामिल होने के बाद भाजपा ने उनकी बेटी रिया शाक्य को ही पिता के खिलाफ मैदान में उतार दिया है। इसलिए बिधूना विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होगा क्योंकि यहां पार्टियों के बीच भिड़ंत नहीं बल्कि पिता-बेटी के बीच टक्कर देखने को मिलेगी।

दरअसल, जब से बिधूना से मौजूदा विधायक विनय शाक्य भाजपा से नाता तोड़कर सपा में गए हैं, तब से ही उनकी बेटी हमलावर रही है। उनकी बेटी रिया शाक्य एक वीडियो में अपने चाचा और दादी पर आरोप लगाकर सुर्खियों में आईं थीं। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ ही भाजपा का दामन छोड़ अखिलेश यादव की साइकिल पर सवार होने वाले बिधुना से विधायक विनय शाक्य की बेटी रिया शाक्य का कहना है कि उनके पिता अपनी मर्जी से समाजवादी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। सपा में शामिल हुए विनय शाक्य की बेटी रिया शाक्य ने अपने चाचा पर हमला बोलते हुए कहा कि सपा में शामिल होना उनकी मर्जी नहीं थी। जो हुआ उसमें मेरे पिता की कोई मर्जी नहीं है। उनकी सेहत ठीक नहीं, मेरे चााच स्वार्थी हैं और इसका फायदा मेरे उन्होंने उठाया और पिता को भाजपा से सपा में शामिल करा दिया. जबकि इस बार चुनाव लड़ने से पिता ने पहले ही मना कर दिया था।

आपको बता दे कि रिया शाक्य ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि वो सम्मान और स्वाभिमान के लिए बीजेपी के साथ हैं और रहेंगी। ऐसी खबरें भी आ रही है कि समाजवादी पार्टी विनय शाक्य को उम्मीदवार बना सकती है। अगर विनय शाक्य बिधूना से सपा के उम्मीदवार होते हैं तो वहां की लड़ाई दिलचस्प हो जाएगी। क्योंकि बिधूना सीट ही एक मात्र ऐसी सीट होगी जहां से पिता-बेटी आमने-सामने होंगे और यूपी विधानसभा चुनाव में एक अलग ही मोड़ देखने को मिलेगा।

 

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