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गोरखपुर। सीएम सिटी गोरखपुर में बेहद अलग तरह का मामला इलाके में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। गोरखपुर जिले के सूरजकुंड क्षेत्र की माधवपुर बंधा कॉलोनी निवासी मोहित साहनी व जूही कन्नौजिया सात फेरे लेंगे। 15 दिसंबर को रीति-रिवाज के साथ शादी होगी। दरअसल साल 2017 में एक विवाह समारोह में दोनों की मुलाकात हुई, फिर बातचीत का सिलसिला बढ़ता गया। समय के साथ नजदीकियां बढ़ीं तो जातीय बंधन टूट गए और मई 2018 में रजिस्ट्रार के सामने कोर्ट मैरिज के कागजात पर दस्तखत कर दोनों एक-दूजे के हो गए। हालांकि मोहित व जूही दोनों के परिवार इस विजातीय विवाह के खिलाफ थे।
ऐसे मोहित और जूही दिल्ली चले गए. इस बीच जूही के पिता ने थाने में मुकदमा भी लिखवाया, लेकिन जूही और मोहित एक-दूसरे के साथ थे तो दाम्पत्य जीवन की गाड़ी सरपट दौड़ती गई। सात महीने पहले परिवार में एक नया मेहमान आशुतोष भी शामिल हो गया। आशुतोष के जन्म के बाद मोहित और जूही के परिवारों की नाराजगी कम होती गई. दादा-दादी, नाना-नानी ने आशुतोष की किलकारियां सुनीं तो सब भूलकर मोहित और जूही को अपना लिया।
हालांकि गीताप्रेस के पूर्व कर्मचारी मोहित के पिता संतबली साहनी के भीतर एक कसक बाकी रह गई थी। उन्हें बेटे की शादी में अपने अरमान पूरे न कर पाने का पछतावा था। जूही के माता-पिता की भी अपनी इकलौती बिटिया को लेकर ख्वाहिशें अधूरी थीं। दोनों परिवारों के बीच दूरियां घटीं तो तय हुआ कि मोहित और जूही की शादी वैदिक रीति से करा दी जाए। भले दोनों ढाई साल से पति-पत्नी के तौर पर रह रहे हैं और उनका बच्चा भी है लेकिन मोहित और जूही अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे ले लें।
गीता प्रेस के कर्मचारी रहे मोहित के पिता संतबली का कहना है कि बच्चों ने भले ही अपनी मर्जी से शादी कर ली लेकिन वैदिक रीति का निर्वहन जरूरी है। दोस्तों और रिश्तेदारों को भी इस खुशी में शामिल करेंगे तभी आयोजन पूरा होगा।
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