उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के बाद परिजन एवं कार्यकर्ता अंतिम संस्कार नहीं करने की जिद पर अड़े हुए थे, लेकिन प्रशासन द्वारा समझाइश और 9 मांगें मानने के बाद वे मुश्किल से राजी हुए।
शुक्रवार देर रात लखनऊ में काफी बवाल के बाद कमलेश तिवारी का शव महमूदाबाद लाया गया, लेकिन देर रात में शव आने के बाद से ही परिवारजन अंतिम संस्कार नहीं करने की जिद पर अड़े थे। इस दौरान डीएम, एसपी से लगाकर प्रशासनिक अफसरों ने कई बार मुलाकात कर मामला सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी।
इस सबके बीच शनिवार को दोपहर कमिश्नर लखनऊ व आईजी लखनऊ झोन महमूदाबाद पहुंचे और परिजनों से बात की। बात करने के बाद परिवारजनों की 9 मांगें मानने के बाद रविवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया। परिवार की सुरक्षा का भी भरोसा दिलाया, जिसके बाद परिजन शव के अंतिम संस्कार के लिए माने।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शव का अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। कमलेश तिवारी के पुत्र सत्यम तिवारी ने मुखाग्नि दी। इस दौरान कमिश्नर, आईजी के साथ ही जिले के आला अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे।
परिवार की मांगें : परिवार द्वारा रखी गई मांगों में प्रमुख रूप से कमलेश तिवारी हत्याकांड की जांच एनआईए से कराई जाए, अगले 48 घंटों में परिजनों में सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, परिजनों को आर्थिक सहायता, पुत्र को सरकारी नौकरी, परिजनं के लिए आवास की सुविधा, हथियार का लायसेंस समेत कुल 9 मांगें रखी गई हैं।
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