मथुरा। उत्तरप्रदेश में भीषण गर्मी पड़ रही है। भगवान के भक्त भी चिंतित हैं कि उनके ईष्टदेव को गर्मी न लगे। वृंदावन स्थित रंगनाथ मंदिर में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए पांच दिवसीय बसंत उत्सव का आयोजन किया गया। भगवान को गर्मी से निजात दिलाने के लिए भक्तों ने बगीचे में खस की टटिया से बने मंडप में उन्हें विराजित किया है। ठंडक देने के लिए फव्वारों का भी इंतजाम है। साथ ही चंदन से भगवान का अभिषेक किया जा रहा है।
विष्णुस्वरूप भगवान रंगनाथ (रंगजी) वैष्णव संप्रदाय का एक बड़ा मंदिर है। भगवान रंगनाथ के अलावा माता गोदा को मुख्य मंदिर से उठाकर प्रांगण में स्थित बगीचे में निर्मित मंडप में विराजमान कराया गया है। लू से बचाव के लिए मंडप को चारों तरफ से खस की टाट से ढका गया है। शीतलता के एहसास के लिए भक्त अपने भगवान का चंदन मिश्रित जल से त्रिभंजन (अभिषेक) कर रहे हैं। इस दौरान मंदिर के पुजारी वैदिक मंत्रों का उच्चाकरण करते हैं। इसके बाद ठंडक प्रदान करने वाले विशेष तत्वों से श्रृंगार किया जाता है।
बगीचे में फव्वारे अनवरत चलते हैं, जिससे भगवान को गर्मी का अहसास न हो। शाम के समय भगवान का फूलों से विशेष श्रंगार किया जाता है। इस दौरान भगवान का फूलों से मुकुट, फूलों की पोशाक धारण कराई जाती है। भगवान के इस बसन्तोसव के प्रारम्भ होने के अवसर पर मन्दिर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमति अनघा, श्रीनिवासन, स्वामी रघुराज, स्वामी रंगा, स्वामी पुरुषोत्तम मिश्रा, स्वामी राजेन्द्र, कन्हैया, बबुआ, लखन लाल पाठक, राजेन्द्र दुबे, विश्वास, तिरुपति, विजय अग्रवाल, जुगल जी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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