संवेदनहीनता: यूपी के प्राइवेट ​नर्सिंग होम ने गरीब प्रसूता को हाईवे पर तड़पता छोड़ा, नवजात की मौत!

प्रतापगढ़। यूपी के प्रतापगढ़ के एक प्राइवेट नर्सिंग होम पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि वहां मोटी रकम डिपॉजिट नहीं कराने पर गर्भवती महिला को भर्ती नहीं किया गया। महिला सड़क पर एक घंटे तक डिलीवरी के दर्द के चलते तड़पती रही. परिजनों द्वारा हंगामे किए जाने की सूचना पर मौके पर पुलिस पहुंच गई। पुलिस और सीएमओ CMO की टीम ने प्रसूता को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां डिलिवरी के दौरान बच्चे की मौत हो गई जबकि प्रसूता की हालात गंभीर बनी हुई है।

प्रेग्नेंट महिला को नर्सिंग होम ने भगाया
लॉकडाउन के दौरान प्रतापगढ़ के चारु नर्सिंग होम की संवेदनहीनता उजागर हुई है। इस नर्सिंग होम में डिलीवरी के लिए मोटी रकम जमा करा पाने में असमर्थ प्रसूता को नर्सिंग होम से भगा दिया गया। नर्सिंग होम के कर्मी मरीज को अस्पताल के बाहर फेंक कर चले गए. परिजनों का का कहना है कि प्रसूता का दोष केवल इतना था कि उसके पास प्राइवेट नर्सिंग होम में जमा करने के लिए 10 या 20 हजार रुपये नहीं थे। महिला ने आरम्भ में अस्पताल में 700 रुपये जमा कराए और कुछ देर में परिजनों द्वारा रुपया जमा करने की बात की डॉक्टर से कही लेकिन उसकी बात अनसुनी कर उसे हाईवे पर तड़पने के लिए छोड़​ ​आए।

नर्सिंग होम के सामने चीखती चिल्लाती रही प्रसूता

नर्सिंग होम के सामने ही हाइवे पर प्रसूता चीखती चिल्लाती रही लेकिन नर्सिंग होम वालों का दिल नही पसीजा. महिला लोगों से मदद की गुहार लगाती रही लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. जब मामला बढ़ा तो पुलिस मौके पर पहुंची. अपनी टीम के साथ CMO वहां पहुंच गए और प्रसूता पुष्पा मौर्या को जिला महिला अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया, जहां डिलीवरी के दौरान बच्चे की मौत हो गई. प्रसूता की हालत को गंभीर बताई जा रही है. CMO और पुलिस के सामने घंटों हंगामा चलता रहा लेकिन किसी ने कोई कार्यवाही नहीं की. डॉक्टर अतुल श्रीवास्तव कोविड 19 के चलते डिलीवरी ना करने की दलील देता रहे लेकिन प्रसूता के साथ आई महिलाओं ने चीख-चीख कर डॉक्टर और नर्सिंग होम पर मोटा रुपये मांगने और ना देने पर अस्पताल से जबरन निकालने का आरोप लगाया.

नर्सिंग होम पर नहीं हुई कोई कार्रवाई

मान्धाता थाना इलाके के मदईपुर गांव की रहने वाली पुष्पा मौर्या को अचानक दर्द उठा और उसके परिजन आनन-फानन में उसे लेकर जिला महिला अस्पताल के लिए निकले. जैसे तैसे पुष्पा शहर पहुची लेकिन बच्चा पेट से बाहर आने लगा जिस कारण रास्ते में पड़ रहे चारु नर्सिंग होम में पुष्पा को भर्ती कराया गया. आरोप है कि मोटा पैसा डिपॉजिट नहीं कराने पर पुष्पा और उनके साथ आई महिलाओं को अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया. पुष्पा के साथ आई महिलाओं ने चारु नर्सिंग होम के संचालक डॉ अतुल श्रीवास्तव से बहस भी की. मौके पर पहुचे CMO अरविन्द श्रीवास्तव ने महिला को अस्पताल भिजवाया. उन्होंने नर्सिंग होम के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की. वहीं नर्सिंग होम के संचालक CMO के सामने कहता रहा कि ये प्रसूता हमारे अस्पताल में जबरन चली आई. हमने इन्हें सरकारी अस्पताल जाने की सलाह भी दी. उसके अनुसार प्रसूता का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है.

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