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उत्तरकाशी में सिल्क्यारा टनल में 40 मजदूर पिछले 5 दिन से फंसे हैं। इन्हें पाइप के जरिए ऑक्सीजन और खाना-पानी दिया जा रहा है। इस बीच अमेरिका से आई ऑगर मशीन ने गुरुवार को रात भर ड्रिलिंग की। रातभर 6-6 मीटर के 5 पाइप मलबा आज शाम तक बाहर निकालने की उम्मीदहटाकर टनल में भेजे गए हैं। टीम ने शुक्रवार सुबह तक 30 मीटर ड्रिल कर लिया है।
बता दें कि इस ऑपरेशन में 40 लोगों की टीम रातभर जुटी रही। करीब 60-70 मीटर तक खुदाई करनी है। 12 नवंबर की सुबह 4 बजे टनल धंसने के बाद 40 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं। जानकारी के अनुसार 20 मीटर यानी टनल में तीन पाइप जाने के बाद मशीन की स्पीड कम करनी पड़ गई क्योंकि मशीन जितना मलबा हटाती ऊपर से उतना ही मलबा और आता जा रहा है। इसलिए यहां पर ड्रिलिंग नहीं की जा सकी। टीम की कोशिश है कि आज शाम तक ड्रिलिंग पूरी कर फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला जा सके।
टनल के मलबे को लेकर अभी भी संशय बरकरार है क्योंकि अभी तक किसी को पता नहीं है कि टनल में आया मलबा कितनी दूर तक फैला है। फिलहाल केवल अनुमान लगाया जा रहा है कि 60 मीटर की टनल धंसी है इसलिए मलबा भी इतने ही इलाके में फैला होगा। ड्रिलिंग एक्सपर्ट और विशेषज्ञ इसकी तैयारी करके चल रहे हैं कि मशीनें मलबे में कहां तक पहुंची हैं। इसके लिए वे एनालिसिस भी कर रहे हैं।
पाइप के जरिए भेजी जा रही राहत सामग्री
टनल में फंसे मजदूरों के लिए ढाई इंच के पाइप से पानी की छोटी बोतल, बिस्किट और ड्राई फ्रूट्स भेजे जा रहे हैं। वहीं टनल में फंसे कुछ लोगों के पास फोन भी थे जो कि डिस्चार्ज हो गए हैं। अब केवल वाॅकी-टाॅकी सेट हैं जिनकी मदद से उनसे बात की जा रही है। अधिकारी लगातार फंसे हुए मजदूरों के संपर्क में हैं। उन्हें उम्मीद बंधाई जा रही है कि जल्द ही उन्हें बचा लिया जाएगा।
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