राजस्थान में अब मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से विधानसभा सत्र बुलाने की अपील की गई है, जबकि राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से अभी इनकार कर दिया गया है. अब कांग्रेस पार्टी के तीन बड़े नेता और देश के तीन पूर्व कानून मंत्रियों ने इस मसले पर कलराज मिश्र को चिट्ठी लिखी है. जिसमें राज्यपाल के विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर विचार रखे गए हैं.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और अश्विनी कुमार ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी. इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार के मंत्रियों और कैबिनेट द्वारा पास विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को राज्यपाल को पास करना होता है, ये संवैधानिक नियम है. इसके अलावा संविधान के आर्टिकल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार विधानसभा का सेशन बुलाना राज्यपाल का कर्तव्य है.
चिट्ठी में तीनों नेताओं की ओर से कहा गया है कि अगर नियमों का पालन नहीं किया गया, तो ऐसी स्थिति में राज्य में संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है. हमें उम्मीद है कि आप जल्द से जल्द इस मामले में फैसला लेंगे. बता दें कि कांग्रेस की राजस्थान सरकार की ओर से दो बार राज्यपाल को चिट्ठी लिख विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की गई है.
इनके अलावा पी. चिदंबरम ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्यपाल पर सवाल उठाए हैं. चिदंबरम का कहना है कि हमें उम्मीद है कि राज्यपाल कानून का पालन करेंगे, मंत्रियों के द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव तुरंत स्वीकार किया जाना चाहिए. कांग्रेस नेता ने कहा कि 2014 के बाद से ही राज्यपाल जिस तरह बनाए जा रहे हैं, उसपर सवाल खड़े हुए हैं.
हालांकि, जवाब में राज्यपाल ने लिखा है कि सरकार मीडिया में बयान दे रही है कि उन्हें बहुमत साबित करना है, लेकिन प्रस्ताव में इसका जिक्र नहीं है. ऐसे में सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि विधानसभा का सत्र किसलिए बुलाया जा रहा है. बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को ही बयान दिया कि उन्होंने इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है, साथ ही राज्यपाल के द्वारा विधानसभा का सत्र ना बुलाने की बात को कहा है.
इससे पहले अशोक गहलोत इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख चुके हैं और भाजपा पर सरकार गिराने की साजिश करने का आरोप लगा चुके हैं.
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