वृंदावन में नो एंट्री पर गाड़ी रोकना पुलिस के लिए भारी पड़ गया। इस बात को लेकर पंजाब के श्रद्धालुओं ने दरोगा और सिपाही को पीट दिया। उनकी वर्दी फाड़ दी और बैज उखाड़ दिए। पुलिस ने पिता-पुत्र को विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
शनिवार की रात पंजाब के जालंधर निवासी महावीर मोदी अपने परिवार के साथ सेंट्रो कार से वृंदावन मंदिरों के दर्शन करने आए थे। गाड़ी को उनका बेटा शुभम चला रहा था। गाड़ी जब छटीकरा मार्ग स्थित रुक्मिणी पार्किंग के पास पहुंची तभी वहां खड़ी पुलिस ने उन्हें वृंदावन में प्रवेश करने से रोक दिया और गाड़ी को मल्टी स्टोरी पार्किंग में पार्क करने के लिए कहा।
पुलिस का आरोप है कि शुभम ने कार को बीच सड़क पर खड़ा कर दिया और वहां तैनात सिपाही राकेश से झगड़ने लगा। विवाद बढ़ते ही दरोगा मोहित मलिक वहां पहुंचे और पिता-पुत्र को समझाने का प्रयास किया। आरोप यह भी है कि दोनों ने पुलिस से गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद पिता-पुत्र ने उन पर हमला बोल दिया।
दरोगा को लात घूंसों से पीटा, उनकी वर्दी फाड़ दी और बैज उखाड़ दिए। बचाव को आए सिपाही राकेश के साथ भी मारपीट की गई। यह देख वहां तैनात अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे और पिता महावीर और बेटे शुभम को हिरासत में ले लिया। पुलिस के अनुसार दोनों ने कोतवाली में भी रात भर हंगामा काटा।
पुलिस ने दोनों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने, गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी देने और मारपीट सहित विभिन्न धाराओं में चालान कर जेल भेज दिया। उधर, पिता-पुत्र के साथ आए बाकी परिजन वापस घर लौट गए।
कई बार पिट चुकी है पुलिस
वृंदावन। वृंदावन पुलिस पर कई बार हमले हो चुके हैं। दो वर्ष पूर्व बांकेबिहारी पुलिस चौकी के सिपाही पर श्रद्धालुओं ने हमला कर मारपीट की। वहीं, अटल्ला पर जाम खुलवा रहे कोतवाली के एसएसआई पर दिल्ली के श्रद्धालुओं ने हमला कर दिया। गत 2 मई को गांव परखम गूजर में भी पुलिस पर हमला कर कैरोसीन डालकर एचसीपी को जलाने का प्रयास किया गया था।
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