मुंबई। मनुष्य की स्वास्थ्य की दिशा तभी से तय हो जाती है जब वह मां के गर्भ में होता है। ऐसे में सबसे जरूरी है कि इस अवस्था मां का भोजन पूरा पोष्टिक होना चाहिए, जिससे बच्चा स्वस्थ पैदा हो। गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद भी किसी स्त्री के लिए पोषक भोजन उसके और उसके बच्चे के विकास के लिए आवश्यक है।डॉक्टर प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा कैलोरी वाला भोजन, फल और हरी सब्जियां खाने की सलाह देते है। इन भोजन तत्वों में एक आवश्यक तत्व है आयरन। आयरन माँ और बच्चे दोनों की रोगरोधी क्षमता को बढ़ाता है जिससे वो दोनों बीमारियों और कई तरह के संक्रमण से बच सके। ये ना केवल मां की रक्षा करता है बल्कि उसके गर्भ में पल रहे भ्रूण को भी बीमारियों से दूर रखता है। इसके अलावाआयरन खून में हीमोग्लोबिन बनाता है। भ्रूण को जरूरत पड़ने वाली खून की कमी भी आयरन ही पूरी करता है। स्ट्रेस या दिमाग पर बिलकुल भी जोर न दें
गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह का तनाव या स्ट्रेस आपके लिए बहुत हानिकारक होता हैं, और साथ ही ये बच्चे के स्वास्थ्य पर भी बहुत बुरा प्रभाव डालता हैं, जिससे बच्चे के विकास में भी परेशानी हो सकती हैं, और यदि आप स्ट्रेस नहीं लेंगे, या दिमाग पर किसी भी तरह का बोझ नहीं डालते है, तो बच्चे का विकास अच्छे से होता हैं। आयुष मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट में स्वस्थ्य जच्चा और सेहतमंद बच्चे के लिए सलाह देते हुए कहा कि गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान इच्छा, क्रोध, लगाव, नफरत और वासना से खुद को दूर रखना चाहिए।
कैल्शियम हड्डियों के लिए बहुत जरुरी होता हैं, और ये केवल महिला के लिए ही नहीं गर्भ में पल रहें बच्चे के लिए भी बहुत फायदेमंद होता हैं, और इसके साथ महिला को फोलिक एसिड, कैल्शियम, विटामिन c और फाइबर शरीर के विकास के लिए आवश्यक होता हैं, कैल्शियम बादाम, अंजीर, किशमिश, सैमन मछली, पालक और ब्रोकोली से प्राप्त होता है, और साथ ही दूध और दूध से बने उत्पादों में भी कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता हैं, इसीलिए महिला को दूध व् दूध से बने पदार्थो का सेवन भी अधिक मात्रा में करना चाहिए।
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