नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में भारी प्रदूषण और घनी धुंध ने यहां की आबोहवा खराब कर दी है। इसके साथ ही लगातार बिगड़ रही वायु गुणवत्ता ने शुक्रवार को एक्यूआई को भी ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचा दिया।
प्रदूषण पर नजर रखने वाले सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, शुक्रवार को सुबह दिल्ली में हवा की औसत गुणवत्ता 486 दर्ज की गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, आनंद विहार में जहां AQI 422 दर्ज किया गया, वहीं RK पुरम में 407, द्वारका के सेक्टर-8 में 421 और बवाना में 430 रहा। सभी जगह यह ‘गंभीर’ श्रेणी में ही बना हुआ था। सीपीसीबी के अनुसार, हरियाणा के गुरुग्राम में सुबह के समय हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।
गुरुग्राम के एक स्थानीय निवासी ने कहा कि लोगों ने दिवाली के त्योहार से पहले पटाखे फोड़ना शुरू कर दिया है, इसके चलते हमें सांस लेने में समस्या हो रही है।
गुरुग्राम में ही एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, कल स्थिति वास्तव में गंभीर थी और लोग कचरा जला रहे हैं और पटाखे फोड़ रहे हैं।
गाजियाबाद में भी आज सुबह से वायु की गुणवत्ता कल की तरह ‘गंभीर’ श्रेणी में ही बनी हुई है। हालांकि कल की तुलना में आज मामूली सुधार है। शुक्रवाह को सुबह 9 बजे शहर का एक्यूआई 424 दर्ज किया गया है।
Delhi: Air Quality Index at 448 in the 'severe' category at ITO, as per Central Pollution Control Board pic.twitter.com/EuHKljE4tO
— ANI (@ANI) November 6, 2020
वहीं, नोएडा-ग्रेटर नोएडा में भी प्रदूषण की स्थिति ‘गंभीर’ श्रेणी में रही। शुक्रवार सुबह 8 बजे नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 408 और ग्रेटर नोएडा में 417 दर्ज किया गया और पीएम 2.5 और पीएम 10 का औसतन स्तर 400 माइक्रोग्राम/मीटर क्यूब के पार रहा।
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, वायु गुवत्ता की गंभीर श्रेणी लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है और मौजूदा बीमारियों से गंभीर रूप से प्रभावित होती है।
सरकारी और निजी ऑफिसों से वाहनों का इस्तेमाल घटाने की सलाह
दिल्ली में वायु की गुणवत्ता के ‘गंभीर’ स्थिति में पहुंचने के मद्देनजर सीपीसीबी के कार्यबल ने गुरुवार को सरकारी और निजी कार्यालयों तथा अन्य प्रतिष्ठानों को कम से कम 30 प्रतिशत गाड़ियों का इस्तेमाल घटाने का सुझाव दिया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव प्रशांत गर्गवा ने एक समीक्षा बैठक में कहा कि वायु की गुणवत्ता के बुधवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहने के संभावना थी, लेकिन हवा की रफ्तार कम होने से वायु गुणवत्ता ‘गंभीर श्रेणी में चली गई।
मौसम विभाग के पर्यावरण अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वी.के. सोनी ने कहा कि हवा की गति में अचानक आने वाला बदलाव पूर्वानुमान के मॉडल में दर्ज नहीं हो पाता है। कार्यबल ने सुझाव दिया कि सरकारी और निजी कार्यालयों और अन्य प्रतिष्ठानों को सलाह दी जाती है कि वाहनों का इस्तेमाल कम से कम 30 प्रतिशत घटाएं।
(न्यूज एजेंसी एएनआई और पीटीआई के इनपुट के साथ)
Leave a Reply