चेतावनी: आपकी चाय की चुस्की भी मिलावटी तो नहीं, सतर्क रहें 

  • मिलावटी चाय पर टी बोर्ड ऑफ इंडिया ने जारी की चेतावनी
  • 10.78 फीसदी उत्पादन कम हुआ दक्षिण के राज्यों में 

मथुरा। सावधान! गलत जगह से खरीदी गई चाय की चुस्की भी आपकी सेहत से खिलवाड़ कर सकती है। बाजार में रंग-बिरंगी मिलावटी चाय बेचे जाने की आशंका है। इसलिए सोच-समझकर ही खरीदें। टी बोर्ड ऑफ इंडिया ने यह चेतावनी जारी की है। व्यापारियों के माध्यम से चाय के दीवानों को मिलावटखोरों से सतर्क रहने की सलाह दी है। साथ ही मिलावटखोरों पर कार्रवाई की कवायद भी शुरू कर दी है।
दरअसल, सर्दी से पहले ही इस बार चाय के दाम लगातार बढ़ जा रहे हैं। दक्षिण के राज्यों में पिछले साल की अपेक्षा छह माह में 10.78 फीसदी उत्पादन गिर गया है। केरल समेत कई राज्यों में बाढ़ के कारण स्थिति और खराब हुई है। भविष्य में कम सप्लाई की आशंका में बड़े कारोबारियों और ब्रांडेड कंपनियों ने अभी से ऊंचे दाम पर माल उठाना शुरू कर दिया है। इसका असर चाय की गुणवत्ता पर भी पड़ सकता है।

शुद्ध चाय

  • ठंडे पानी में रंग नहीं छोड़ती, गर्म पानी में ही यह चाय रंग छोड़ती है
  • शुद्ध चाय ठंडे पानी में डालने पर भी पानी साफ और रंगहीन ही रहेगा
  • नमी होने पर किसी सफेद कपड़े व पेपर में रखने पर धब्बा नहीं आता
  • हथेली पर रखकर पानी की बूंद डालकर रगड़ने पर भी धब्बा नहीं आता

मिलावटी.

  • ठंडे पानी में डालने पर ही रंग छोड़ने लगेगी .
  • रंग के कारण पानी नारंगी या फिर लाल हो जाएगी
  • कागज या कपड़े पर लाल धब्बा दिखने लगेगा
  • हथेली पर पानी डालकर रगड़ने पर धब्बा दिखेगा
  • लाख किलो चाय हर महीने केवल कानपुर में आती है

टी—बोर्ड का अलर्ट व्यापारियों को भेजे सतर्कता पत्र
इस संकट को भांपते हुए ही टी-बोर्ड ने अलर्ट जारी किया है। व्यापारियों को भेजे सतर्कता पत्र में बोर्ड ने ग्राहकों को जागरूक करने पर जोर दिया है। इसमें कहा गया है कि यह सुनिश्चित कर लें कि आप खुद और अपनों के लिए शुद्ध चाय ही परोसेंगे। यह आपके रोज के आहार का हिस्सा है। यह भी माना जाता है कि चाय कई बीमारियों को दूर रखने में भी मददगार होती है। इसलिए शुद्ध चाय के स्वाद और चुस्की का मजा उठाएं।.

चाय हो या तुलसी, दोनों औषधि हैं। यह सच है कि चाय दिल और कई अन्य रोगों से लड़ने की क्षमता रखती है। रंग मिली खाने की कोई भी चीज बेंजीन रिंग बनाती है। यह कैंसर की वजह बनती है। रंग से तैयार चाय का मुंह, गला, आंत, यूरिनरी ब्लैडर व अन्य अंगों पर विपरीत असर होता है।
-डॉ. एमपी मिश्र, निदेशक, जेके *कैंसर संस्थान

बोर्ड ने व्यापारियों संग आम लोगों से भी अपील की है कि रंगीन चाय मिलने पर नमूने भेजें। बोर्ड इस पर कार्रवाई करेगा।.
एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर टी बोर्ड, कोन्नूर-643101 .
दि निलगिरिस फोन नंबर-0423-2221464 .

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*