कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बीजेपी के प्रदर्शन के दौरान सिख सुरक्षाकर्मी की पिटाई और पगड़ी उतरने का वीडियो सामने आने के बाद मामले ने बड़ा रूप ले लिया है। बीजेपी और अकाली दल ने इस मामले को सिखों की धार्मिक भावनाओं का अपमान बताते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं मामले में क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी ममता बनर्जी से मामले में संज्ञान लेने की बात कही है
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दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था जिसमें कोलकाता पुलिस का कर्मी एक सिख युवक की पिटाई करते दिख रही है। इस दौरान युवक की पगड़ी खुल जाती है लेकिन फिर भी पुलिस उसकी पिटाई करती है। इस दौरान युवक जमीन पर गिर जाता है। ये घटना गुरुवार को हुए बीजेपी के नबन्ना मार्च के दौरान की है। युवक एक स्थानीय बीजेपी नेता की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी बताया जा रहा है।
कोलकाता पुलिस पर उठे सवाल
कोलकाता पुलिस का कहना है कि ऐसा जानबूझकर नहीं हुआ, पुलिस का पगड़ी की बेअदबी का कोई इरादा नहीं था लेकिन वीडियो सामने आने के बाद कोलकाता पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे। शिरोमणि अकाली दल नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कोलकाता में सिख सिक्योरिटी ऑफिसर बलविंदर सिंह की पगड़ी खीचकर, सड़क पर बर्बर तरीके से पीटा जाना बेहद निंदनीय है। हमारी ममता बनर्जी के मांग है कि गुरु गोबिंद सिंह द्वारा सिखों को दी गई पगड़ी का अपमान करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों पर 295A का मुकदमा लिखा जाए और सख्त सजा दी जाए और बलविंदर सिंह को रिहा किया जाए।
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घटना का वीडियो शेयर करते हुए क्रिकेटर हरभजन सिंह ने ममता बनर्जी को टैग करते हुए लिखा कि ये इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है।
कोलकाता पुलिस ने दी सफाई
मामले को बढ़ता देख पश्चिम बंगाल पुलिस ने सफाई दी है। पुलिस ने कहा है कि युवक प्रदर्शन के दौरान हथियार लेकर जा रहा था जिसके चलते उसे अरेस्ट करने की कोशिश की गई। इस दौरान उसकी पगड़ी अपने आप ही खुल गई। पश्चिम बंगाल पुलिस सभी धर्मों का सम्मान करती है। पुलिस ने बताया कि बाद में युवक को उसकी पगड़ी पहनने को दी गई। पुलिस को उसके पास से पिस्टल मिली है।
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इसे लेकर भी सिरसा ने पुलिस पर निशाना साधा है। सिरसा ने कहा कि “पश्चिम बंगाल की पुलिस अत्याचार करने के साथ साथ झूठ बोल रही कि बलविंदर सिंह के हथियार ग़ैर क़ानूनी है। लाइसेंस इश्यू अथॉरिटी हावड़ा का सर्टिफ़िकेट दिखाता है बलविंदर सिंह को क़ानूनी रूप से हथियार रखने का लाइसेंस दिया गया। बंगाल पुलिस अपनी ज़्यादतियां छुपाने के लिए बहाने ढूँढ रही है।” इस ट्वीट के साथ ही सिरसा ने ट्वीट के साथ ही हथियार की डिटेल भी साझा की है।
मामले को लेकर बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल के साथ सिख समुदाय के कई लोगों ने विरोध किया है। वहीं अभी ममता सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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