नई दिल्ली। एक कोरोना का खौफ दूसरी ओर विशाखापट्टनम में एक फार्मा कंपनी से हुए गैस लीक ने पूरे देश के सामने एक संकट की स्थिति खड़ी कर दी है। प्लांट से स्टीरिन गैस लीक हुई है। जो तब खासी घातक हो जाती है, जब इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा हो। अध्ययन बताते हैं कि ये कैंसर से लेकर सुनने और देखने पर असर डाल सकती है।
विशाखापट्टनम में नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स के महानिदेशक एसएन प्रधान का कहना है कि गैस एक प्लास्टिक फैक्ट्री से लीक हुई. इस गैस को उन्होंने स्टीरिन बताया है। ये बहुत घातक गैस है। अगर इस्तेमाल सघन रूप में बड़े पैमाने पर हो रहा हो।
किस तरह हेल्थ की दिक्कतें पैदा करती है
आमतौर पर इसका इस्तेमाल प्लास्टिक यानि पॉलिविनायल क्लोराइड बनाने वाले प्लांट्स में होता है। इसका स्वास्थ्य पर भी खासा असर होता है। ये आंखों में तेज जलन के साथ सांस लेने में तकलीफ पैदा करती है। ये इथाइल बेंजीन से बनाई जाती है।
कैंसर भी दे सकती है
अमेरिकी नेशनल टॉक्सीलॉजी प्रोग्राम के अनुसार ये अगर मनुष्य के संपर्क में आती है तो कैंसर को जन्म दे सकती है। हालांकि इसको लेकर विशेषज्ञों में मतभेद की स्थिति है।
नर्वस सिस्टम पर भी असर डाल सकती है
डेनिस एक्सपर्ट्स के अनुसार, स्टीरिन गैस मानव के नर्वस सिस्टम पर असर डालती है साथ ही पैंक्रियाटिक कैंसर को जन्म दे सकती है। इंटरनेशऩल एजेंसी फार रिसर्च ऑन कैंसर का कहना है कि ये मानव के लिए खतरनाक है और कैंसरकारी है। एक और अध्ययन बताता है कि स्टीरिन का असर आंखों के साथ सुनने पर भी पड़ सकता है।
विशाखापट्टनम में एलजी पॉलिमायर्स केमिकल प्लांट से रात करीब 02.30 बजे स्टीरिन गैस लीक हुई। उसके बाद ये प्लांट के 03 किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गई। प्राथमिक रिपोर्ट भी इसकी तसदीक करती है कि जो गैस लीक हुई है वो स्टीरिन है।
दरअसल विशाखापट्टनम में गोपालपट्टनम के पास वेपगुंटा में ये केमिकल प्लांट लाकडाउन के डेढ़ महीने बाद खोला गया था। हालांकि खबरें ये भी कह रही हैं कि इसको खोलने की शुरुआती प्रक्रिया प्लांट में चल रही थी। उसी बीच ये गैस लीक होनी शुरू हो गई।
बड़ा संकट बन सकते हैं बंद प्लांट
इस प्लांट की बंद होने के बाद से मेंटिनेंस भी नहीं हुई थी. ये स्थिति देश में लाकडाउन के कारण बंद किए गए हजारों प्लांट्स के साथ हो सकती है, जिनकी मेंटिनेंस भी बंद थी। अब उन्हें फिर से खोलने में खास सावधानी बरतनी होगी। मेंटिनेंस मेनुअल के साथ ऐसे में की जाने वाली सावधानियों को देखना होगा। अब तक सरकारों का ध्यान शायद इस ओर नहीं था।
इस हादसे के बाद तुरंत इस ओर ध्यान ही नहीं जाना चाहिए बल्कि गाइडलाइंस जारी की जानी चाहिए।
लिहाजा ये तय है कि हम लाकडाउन के बाद चालू की जा रही फैक्ट्रियों के चलते किसी संकट से घिर सकते हैं। चूंकि ऐसी फैक्ट्रियां हर जगह हैं। लिहाजा अब इनको लेकर सावधानियां जरूरी हो जाती हैं।
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