
नई दिल्ली। देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश होने की घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। कुछ ऐसे महज एक दुर्घटना बता रहे हैं, लेकिन इस बीच मौसम विज्ञानी हादसे के पीछे खराब मौसम बता रहे हैं।
अगर मौसम विशेषज्ञों की मानें, तो घटना के समय नीलगिरी रेंज का मौसम आवाजाही के लिए बिलकुल ठीक नहीं था। जिस जगह हेलिकॉप्टर गिरा; वो पर्वत कई गंभीर अशांति के खतरों का गढ़ है।
जानिए कैसा मौसम था वहां
बता दें कि तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर की दोपहर हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। जहां हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ, वो जगह नीलगिरी पर्वत की चोटी पर करीब 2630 मीटर ऊपर दक्षिण-पूर्वी ढलान पर है। मौसम विशेषज्ञ मानते हैं कि वार्मिंग परिदृश्य के कारण क्षोभमंडल में ऊर्ध्वाधर हवाएं चल रही थीं। यानी हवाएं ऊपर से नीचे की ओर बहती हैं। खासकर मध्य-क्षोभमंडल के लेवल पर यह अधिक खतरनाक होती हैं। यानी इनके बहाव में संतुलन बिगड़ना लाजिमी है। ये हवाएं हर घंटे बदलती रहती हैं। मतलब, उन्हें मौसम के पूर्वानुमान से भी नहीं पकड़ा जा सकता है कि आगे क्या होगा? आपको बता दें कि क्षोभमण्डल या ट्रोपोस्फ़ीयर पृथ्वी के वायुमंडल का सबसे निचला हिस्सा कहलाता है।
देखिए कैसी थी हवा
आइए देखते हैं कि हादसे के समय हवा कैसी थी? इसका आकलन हादसे के बाद नल ग्रुप द्वारा निकाले गए डेटा को देखकर करते हैं…
सतह(Surface) से…
हवा की गति: 6 किमी/घंटा
हवा की दिशा: 90 डिग्री
850 HPA (जमीन से 1.5 किमी)
हवा की गति: 8 किमी/घंटा
हवा की दिशा: 70 डिग्री
700 HPA (जमीन से 3.5 किमी)
हवा की गति: 6 किमी/घंटा
हवा की दिशा: 140 डिग्री
500 HPA (जमीन से 5 किमी)
हवा की गति: 16 किमी/घंटा
हवा की दिशा: 90 डिग्री
250 HPA (जमीन से 10.5 किमी)
हवा की गति: 40 किमी/घंटा
हवा की दिशा: 245 डिग्री
70 HPA (जमीन से 17.5 किमी: ट्रोपोपॉज़ स्तर)
हवा की गति: 32 किमी/घंटा
हवा की दिशा: 65 डिग्री
(यह भी जानें-पृथ्वी का वायुमंडल(atmosphere ) सतह पर दबाव डालता है। दबाव को hectoPascals (hPa) में मापा जाता है, जिसे मिलीबार(millibars) भी कहा जाता है)
जिस समय हादसा हुआ, उस समय नीलगिरी रेंज में करीब 700 hPa की ऊंचाई पर 0 .5 to 2 Joules/Kg के अंदर हवा को खींचा होगा। जूल्स हवा की विशिष्ट ऊर्जा को मापने की एक इकाई है। 850 hPa स्तर पर जमीन से 1.5 किमी पर सापेक्षिक आद्रता (humidity) 90 प्रतिशत थी। यानी जहां हवा घनी होगी, वहां उड़ने वाली चीजों को दिक्कत होती है। वे उड़ान नहीं भर पाती हैं।
राजनाथ ने सदन में बताया कि जनरल विपिन बिपिन रावत अपने दौरे के लिए तमिलनाडु के वेलिंग्टन जा रहे थे। वायु सेना के Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर कल 11:48 बजे सुलूर एयर बेस से उड़ान भरी। इसे 12:15 बजे वेलिंग्टन लैंड करना था, लेकिन सुलूर एयर बेस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने 12:08 बजे हेलिकॉप्टर से अपना संपर्क खो दिया। कुछ देर बाद कुन्नूर के पास जंगल में कुछ स्थानीय लोगों ने हेलिकॉप्टर के अवशेषों को आग की लपटों में घिरा हुआ देखा। स्थानीय प्रशासन से एक बचाव दल ने घटनास्थल पहुंचकर बचाव अभियान कर हादसे में झुलसे लोगों को वेलिंगटन के मिलिट्री हॉस्पिटल पहुंचाया। लेकिन हेलिकॉप्टर में सवार कुल 14 में से 13 लोगों की मौत हो गई। इनमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, उनकी धर्मपत्नी, सीडीएस के सलाहकर, सुरक्षा दल के सदस्य और एयरफोर्स के क्रू मेंबर्स थे।
Leave a Reply