नई दिल्ली। दुनिया में फैले कोरोना वायरस को लेकर भारत समेत 62 देशों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सामने संक्रमण फैलने की निष्पक्ष, स्वतंत्र और व्यापक मूल्यांकन का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव को विश्व स्वास्थ्य सभा में बैठक अनुमोदन के लिए रखा जाएगा। विश्व स्वास्थ्य सभा की ये बैठक 18-19 मई को शुरु होने जा रही है। लॉकडाउन के चलते पहली बार यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी। यह पहली बार होने जा रहा है जब भारत वायरस की उत्पत्ति पर एक अंतर्राष्ट्रीय फोरम में सवाल खड़े करेगा। भारत का कहना था कि संकट खत्म होने के बाद वह इस मुद्दे पर विचार करेगा।
कई देशों ने दिया प्रस्ताव को समर्थन
स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए ऑस्ट्रेलिया की तरफ से ये ड्रॉफ्ट तैयार किया गया है, भारत के अलावा जापान, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, तुर्की, रूस, इंडोनेशिया, मैक्सिको, ब्राजील और सभी 27 यूरोपीय संघ के सदस्यों द्वारा इसे समर्थन दिया गया है. इस प्रस्ताव को सोमवार को विधानसभा में लिया जाने की संभावना है।
सार्क देशों से बांग्लादेश और भूटान ने किए हस्ताक्षर
इस प्रस्ताव पर पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव और अफगानिस्तान ने हस्ताक्षरकर्ता नहीं किए हैं। वहीं सार्क देशों से केवल बांग्लादेश और भूटान ने हस्ताक्षर किए हैं चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस आज पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका है. दुनियाभर में कोरोना वायरस के 40 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 3 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन 18 और 19 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन की विश्व स्वास्थ्य सभा में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस प्रस्ताव को लेकर विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया के अपने समकक्षों के साथ कई बातचीत की है। इन देशों के साथ ग्रुप कॉल हुए हैं, साथ ही अमेरिकी उप-सचिव स्टीफन ई बेगुन से भी बात की।
चीन ने कहा, वायरस के लिए वुहान को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं
रविवार को भारत में चीनी राजदूत सन वेइदॉन्ग ने ट्वीट किया, हमारे राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ पर हमें के खिलाफ इस लड़ाई को एक साथ जीतना होगा और मानव जाति के लिए एक नए भविष्य का निर्माण करना होगा। इससे पहले चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने ट्वीट किया था, ‘चीन के वुहान शहर में सबसे पहला मामला का आया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वायरस वुहान में उत्पन्न हुआ है. डब्ल्यूएचओ में वायरस का नाम रखने के तरीके पर विशिष्ट नियम हैं. वुहान के साथ वायरस को जोड़ना और चीन को कलंकित करना गैरजिम्मेदार है।
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