जब नौ साल बाद पुलिस को एक मामूली सा क्लू मिला था. लेकिन इसी क्लू के आधा पर पुलिस ने आरोपी का नार्को टेस्ट कराते हुए गायब चल रहे रवि को हड्डियों के रूप में बरामद कर लिया.
नई दिल्ली. रविकिशन दिल्ली के एक इलाके में अपनी पत्नी के साथ रहता था. अचानक एक दिन वो गायब हो गया. दिल्ली पुलिस ने उसकी पत्नी की तहरीर पर दिल्ली के साथ ही राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में उसकी तलाश की लेकिन वो नहीं मिला. और 9 साल बाद जब पुलिस को रवि के बारे में एक कड़ी मिली तो पुलिस ने उसके सहारे उसे बरामद कर लिया. लेकिन सिर्फ हड्डियों के ढेर में. और हैरत की बात ये कि रवि को इस रूप में बदलने वाला कोई और नहीं उसकी पत्नी और पत्नी का दोस्त था.
क्या हुआ था मर्डर मिस्ट्री बने रविकिशन के साथ
22 साल का रविकिशन दिल्ली के कॉपसहेड़ा इलाके में पत्नी के साथ रहता था. छोटा-मोटा काम धंधा करके वो परिवार के साथ खुश था. लेकिन 2011 में रवि एक दिन गायब हो गया. उसकी पत्नी ने तुरंत पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करा दी. पुलिस ने भी मामले का गंभीरता के साथ संज्ञान लिया. लेकिन दिल्ली पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी कई साल तक रवि का कोई सुराग नहीं लगा. धीरे-धीरे मामला क्लोजर रिपोर्ट की ओर चला गया.
9 साल बाद पुलिस को मिला सिर्फ एक सुराग
पुलिस ने ऐसे उगलवाया मर्डर का राज़
रवि की पत्नी के दोस्त के सामने आते ही पुलिस को ये तो भरोसा हो गया था कि जो भी गड़बड़ है यहीं से है. इसके बाद पुलिस ने कोर्ट से अनुमति लेकर रवि की पत्नी के दोस्त का नार्को टेस्ट करा दिया. और नार्को टेस्ट में जो कहानी सामने आई वो बेहद ही डराने और हैरान करने वाली थी.
पुलिस को ये बताया नार्को टेस्ट में
आरोपी कमल ने पुलिस को नार्को टेस्ट में बताया कि रवि को किडनैप करने के बाद उसकी पत्नी के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी. लाश को अलवर, राजस्थान के टपूकड़ा ले गए. हत्या के बाद लाश की पहचान न हो इसके लिए लाश उसे ज़मीन के अंदर दबा दिया. और जब दिल्ली पुलिस ने अलवर से बताई हुई जगह पर खोदाई कराई तो रविकिशन की हड्डियां बरामद हुईं. पुलिस ने उनका डीएनए टेस्ट कराने के लिए लैब में भेज दिया है. पुलिस ने इस मामले में कमल के एक साथी को भी गिरफ्तार कर लिया है. मेवाढ़ के रास्ते में भी कुछ हड्डियां फेंकी गईं थी. गौरतलब रहे कि आरोपी कमल और रवि की पत्नी भी अलवर के इसी इलाके के रहने वाले हैं.
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