दूल्हे की बढ़ती उम्र और उसका रंग काला होना उस वक्त भारी पड़ गया जब शादी के भरे मंडप पर दुल्हन ने शादी से इंकार कर दिया। बाद में स्थानीय लोगों की पहल के बाद दूल्हे के दोस्त से उस लड़की की शादी कराई गई। इसके बाद मामला शांत हुआ।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सीतापुर से शादी के लिए दूल्हा अपने चार से पांच सगे संबंधियों और दोस्तों के साथ इलाके के अभुआर गांव में आया हुआ था। शादी की सारी तैयारियां हो चुकी थीं। लड़की के परिवार वाले काफी गरीब हैं। गांव वालों ने चंदा कर शादी की व्यवस्था की थी। बुधवार की रात करीब 11 बजे सीतापुर से दूल्हा यहां पहुंचा था। पूरे सम्मान के साथ दूल्हे को मंडप में लाया गया। इसके कुछ देर बाद ही वहां दुल्हन भी आ गई। रिश्तेदार व सगे संबंधी सारे लोग जमा थे।
शहनाइयां बज रही थीं। काफी चहल-पहल थी। इसी बीच दूल्हे की उम्र और उसके रंग पर दुल्हन ने एतराज जताते हुए शादी से इंकार कर दिया। इससे मौके पर अफरातफरी मच गई। घटना रात्रि करीब एक बजे की बताई जा रही है। लोगों के समझाने के बाद भी दुल्हन मानने को तैयार नहीं हुई। बाद में दूल्हे के साथ आए एक कम उम्र के एक दोस्त से वह शादी करने के लिए राजी हुई। बारात में आये उस लड़के की शादी की सूचना परिजनों को दी गई तो वह आश्चर्य में पड़ गए। हालांकि उन्होंने भी मान मनोव्वल के बाद शादी के लिए हामी भर दी। इसके बाद मामला शांत हुआ।
शादी में दलाली की बात आई सामने
पहले वाले दूल्हे व लड़की की उम्र में काफी अंतर था। दोस्त के साथ तो लड़की की शादी हो गई। लेकिन उसके बाद एक नई मुसीबत खड़ी हो गई। शादी में दलाली की बात सामने आने लगी। बताया गया है कि उम्र दराज दूल्हे ने इस कम उम्र की मासूम दुल्हन के लिए काफी पैसे खर्च किए थे। समस्तीपुर जिले के हसनपुर थाना क्षेत्र के गोहा चौक स्थित दुकान चलाने वाली एक महिला को उसने शादी कराने के लिए 50 हजार की रकम दी थी। साथ ही शादी के खर्चे के लिए लड़की वालों को 11 हजार देने की बात कही। लेकिन जब रिश्ता टूट गया तब उम्रदराज दूल्हे ने अपने पैसे वापस मांगने शुरू कर दिए। उस वक्त काफी बखेड़ा खड़ा हो गया।
गरीब और कम उम्र की लड़कियों को दलाल करते हैं टारगेट
सरकार लड़कियों को सबल बनाने की तमाम योजनाएं बना रही हैं, लेकिन आज भी गांव में यह योजना पटल पर बहुत कम ही दिखाई दे रहा है। कन्या उत्थान योजना हो या फिर कन्या विवाह योजना इन तमाम योजनाओं पर अभी भी ग्रहण लगता दिखाई पड़ रहा है। आज भी गांव में लोग बेटियों को बोझ ही समझते हैं, ऐसी घटनाएं अक्सर देखने को मिलती है। जब कम उम्र की लड़कियों को शादी के लिए किसी उम्रदराज लोगों के हाथों सौंप दिया जाता है। इसके लिए अब दलालों का नेटवर्क भी काफी सक्रिय हो चुका है, जो कि गरीब और अशिक्षित लोगों तक अपनी पहुंच बनाते हैं। इनकी लड़कियों को दूसरे राज्यों में पहुंचा देते हैं। यहां तक कि स्थानीय स्तर पर वैसे दूल्हों की पूरी जानकारी नहीं होने पर भी लोग अपनी बेटियों की शादी दलालों के चंगुल में फंसकर कर देते हैं।
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