यूनिक समय, नई दिल्ली। प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण 30 श्रद्धालुओं की मौत और 90 से ज्यादा लोगों के घायल होने के बाद, योगी सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं, और पुलिस भी अपनी जांच कर रही है।
महाकुंभ में भगदड़ के बाद सभी VIP पास तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं। मेला क्षेत्र को “नो व्हीकल जोन” घोषित किया गया है। 4 फरवरी तक संगम तक पैदल ही जाने की अनुमति होगी। प्रयागराज शहर में भी चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मेला क्षेत्र में रास्तों को वन-वे कर दिया गया है, ताकि भीड़ का बेहतर प्रबंधन हो सके। 60,000 से ज्यादा जवान सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किए गए हैं। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे जहां हैं, वहीं स्नान करें और संगम क्षेत्र में अनावश्यक भीड़ से बचें।
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान के कारण पॉन्टून पुल बंद कर दिए गए थे, जिससे भारी भीड़ संगम पर इकट्ठा हो गई। इसके अलावा, एंट्री और एग्जिट के रास्ते एक ही होने के कारण भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के बाद स्थिति को काबू में करने के लिए तुरंत कदम उठाए हैं। उन्होंने मेला क्षेत्र में आने-जाने वाली गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने और सभी वीआईपी पास रद्द करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
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