जीएसटी काउंसिल की गोवा बैठक में सबसे बड़ी राहत होटल इंडस्ट्री को मिली है। अब 1000 रुपये तक किराए वाले पर टैक्स नहीं लगेगा। वहीं इसके बाद 7500 रुपये तक टैरिफ वाले रूम के किराए पर अब सिर्फ 12 फीसदी जीएसटी देना होगा। फिलहाल आपको बताना चाहेंगे कि मौजूदा समय में 7500 रुपये तक टैरिफ वाले होटल रूम पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है।
इसी तरह 7500 रुपये से ज्याटा टैरिफ वाले होटल रूम के किराए पर जीएसटी 18 फीसदी कर दिया गया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि जबकि इससे पहले होटल रूम पर 28 फीसदी की दर से टैक्स लगता था। जीएसटी की नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी।
सस्ते हुए ये व्हीकल
वहीं जीएसटी काउंसिल ने 28 फीसदी के जीएसटी के दायरे में आने वाले 10 से 13 सीटों तक के पेट्रोल-डीजल वाहनों पर सेस को घटा दिया गया है। 1200 सीसी के पेट्रोल वाहनों पर सेस की दर 1 फीसदी और 1,500 सीसी के डीजल वाहनों पर 3 फीसदी कर दिया गया है। दोनों तरह के वाहनों पर सेस की मौजूदा दर 15 फीसदी है। वहीं जीएसटी की दर 28 फीसदी है।
सूखी इमली हुई सस्ती
जीएसटी काउंसिल की बैठक में सूखी इमली पर जीएसटी दर जीरो हो गई है। इससे पहले 5 फीसदी जीएसटी लगता था।
पैंट की जिप हुई सस्ती
वहीं दूसरी ओर काउंसिल ने स्लाइड फास्टनर्स (जिप) पर जीएसटी को 18 से घटाकर 12 फीसदी कर दिया है। इसके साथ ही जीएसटी काउंसिल ने समुद्री नौकाओं का ईंधन, ग्राइंडर, हीरा, रूबी, पन्ना या नीलम को छोड़कर अन्य रत्नों पर टैक्स की दर घटा दी है।
इन पर कम हुई जीसएटी दरें
इसके साथ ही भारत में नहीं बनने वाले कुछ विशेष किस्म के रक्षा उत्पादों को भी जीएसटी से छूट दी गई है।
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ये चीजें हुई महंगी
आपको इस बात से भी अवगत करा दें कि 1 अक्टूबर से कौन सी चीजें महंगी हो जाएगी। जीएसटी काउंसिल ने रेल गाड़ी के सवारी डिब्बे और वैगन पर जीएसटी की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया है। वहीं कैफीन वाली ड्रिंक्स पर जीएसटी की वर्तमान 18 फीसदी के रेट को बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा 12 फीसदी का अतिरिक्त सेस लगाया जाएगा। जानकारी दें कि सीतारमण ने कहा कि बुने/बिना बुने पॉलीएथिलीन थैलियों पर एकसमान 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा।
ये अन्य बड़ें फैसले
- इसके अलावा बुने/बिना बुने पॉलीएथिलीन थैलियों पर एकसमान 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा।
- जीएसटी बैठक में जीएसटी के अंतर्गत टैक्स देने वाले करदाताओं के रजिस्ट्रेशन को आधार से लिंक करने का भी फैसला किया गया। इसके अलावा रिफंड का दावा करने के लिए 12 डिजिट यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर को अनियवार्य करने पर भी चर्चा हुई।
- जीएसटी रिटर्न के प्रॉसेस को आसान करने के लिए अधिकारियों की एक कमिटी गठित की जाएगी।
- बता दें कि काउंसिल के फैसले के मुताबिक रिटर्न फाइल करने का नया तरीका अप्रैल 2020 से लागू किया जाएगा ताकि लोगों को इसे अपनाने में दिक्कत न हो।
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