पाकिस्तान चीन के साथ अपने रिश्ते को हिमालय से भी ऊंचा और शहद से भी मीठा बताता है। हालांकि एक सच्चाई यह भी है कि पाकिस्तान में रह रहे चीनी नागरियों की हत्याएं हो रही हैं। इसके चलते चीनी लोगों को मौत का खौफ सता रहा है। पाकिस्तान सरकार ने चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई तरह के इंतजाम किए हैं। इसके साथ ही चीनी लोगों से कहा गया कि वे अपने मूवमेंट की खबर पुलिस को दें।
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में करीब 1 हजार चीनी नागरिक रहते हैं। उनकी कॉलनियों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ ही हथियारों से लैस जवानों को भी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। अब चीनी नागरिकों से कहा गया है कि वे कहीं आने-जाने से पहले इसकी सूचना स्थानीय पुलिस अधिकारी को दें ताकि यात्रा के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पाकिस्तान की मीडिया के अनुसार यह फैसला चीनी नागरिकों पर बढ़ते हमले को देखते हुए लिया गया है।
इस्लामाबाद पुलिस ने विदेशी नागरिकों की सुरक्षा के लिए हाल ही में जिला विदेशी सुरक्षा सेल का गठन किया है। विदेशी सुरक्षा सेल की रिव्यू मीटिंग के दौरान यह फैसला लिया गया कि चीनी नागरिक अपने मूवमेंट की पहले से सूचना पुलिस को देंगे। इस्लामाबाद में चीन की मदद से चल रहे तीन दर्जन से अधिक प्रोजेक्ट्स और चीनी कंपनियों से जुड़े 1 हजार से अधिक चीनी नागरिक रहते हैं। इसके साथ ही इनमें चीनी कारोबारी भी शामिल हैं। चीन पाकिस्तान में चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के तहत अरबों डॉलर की लागत से निर्माण कार्य करा रहा है। इन प्रोजेक्ट्स में काम कर रहे चीनी नागरिकों को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षा दी जा रही है।
अधिकारियों ने कहा कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि चीनी नागरिक अपनी यात्रा के बारे में एसएचओ को जानकारी देंगे। इसके बाद उन्हें यात्रा के दौरान पुलिस द्वारा सुरक्षा दी जाएगी। एसएचओ चीनी नागरिकों के घरों के आसपास गश्त करने वाले जवानों की तैनाती सुनिश्चित करेंगे। चीनी नागरिकों के घरों के साथ-साथ उनके घरों की ओर जाने वाली सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
अधिकारी ने कहा कि डीआईजी ऑपरेशंस को उन रिहायशी इलाकों का दौरा करने के लिए कहा गया था जहां चीनी रह रहे हैं। उन्हें सुरक्षा में खामियों को दूर करने के लिए एक सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया था। बता दें कि पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर कई हमले हुए हैं। इसी साल 26 अप्रैल को कराची विश्वविद्यालय में कन्फ्यूशियस संस्थान की वैन पर बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की एक बुर्का पहने महिला आत्मघाती हमलावर ने हमला किया था। हमले में तीन चीनी शिक्षकों की मौत हो गई थी।
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